क्रिकेट के मैच में जिस तरह भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के दौरान दोनों देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलती है, उसी तरफ फुटबाल मैच के दौरान भी कई पड़ोसी देशों के बीच जुनून इस हद तक बढ़ जाता है कि वह तनाव की शक्ल ले लेता है. लेकिन क्या कभी किसी मैच के कारण युद्ध हुआ है तो इसका जवाब हां होगा. इस तरह का एक फुटबाल मैच आज से 50 साल पहले 27 जून, 1969 को मेक्सिको सिटी में खेला गया था.
1970 के मेक्सिको फुटबाल वर्ल्ड कप के क्वालीफाई मैच के लिए सेंट्रल अमेरिकी देशों होंडुरास और अल-सल्वाडोर के बीच ये मुकाबला हुआ था. वर्ल्ड कप में क्वालीफाई करने के भीषण कंपटीशन में कुछ हफ्तों के भीतर इनके बीच ये तीसरा मैच था. पहले मैच में होंडुरास 1-0 से जीता था. दूसरे मैच में अल-सल्वाडोर 3-0 से जीता था. इन दोनों ही मैचों के दौरान हिंसा की खबरें आई थीं. अब सबकी निगाहें तीसरे मैच पर थीं क्योंकि इसको जीतने वाली टीम को ही वर्ल्ड कप का टिकट मिलना था. लिहाजा इस मैच के लिए फुटबाल प्रशंसकों की दीवानगी सिर-चढ़कर बोल रही थी.
तीसरा मैच 27 जून, 1969 को मेक्सिको सिटी के अज्टेका स्टेडियम में खेला गया. उस मैच में निर्धारित 90 मिनट की अवधि के दौरान दोनों टीमों के बीच मुकाबला 2-2 की बराबरी पर छूटा. एक्स्ट्रा टाइम के 11वें मिनट में अल-सल्वाडोर के मॉरीसियो पीपो रॉड्रिगेज ने गोल दाग दिया. नतीजा अल-सल्वाडोर के पक्ष में 3-2 रहा. इसका नतीजा यह हुआ कि अल-सल्वाडोर और होंडुरास के बीच अगले कुछ हफ्तों के भीतर जंग छिड़ गई और 14-18 जुलाई, 1969 के बीच तकरीबन 100 घंटे का युद्ध हुआ. इतिहास में इसको फुटबॉल युद्ध (Football War) या सॉकर वार (Soccer War) कहा जाता है.
दरअसल 1969 में बेहद छोटे देश अल-सल्वाडोर की आबादी 30 लाख थी और उससे आकार में करीब पांच गुना बड़े देश होंडुरास की आबादी 23 लाख थी. दोनों ही देशों के बड़े भूभाग पर अमेरिका की बड़ी कंपनियों का कब्जा था. इसका असर ये हुआ कि अल-सल्वाडोर के किसान अधिक जमीन पर खेती करने के चक्कर में पड़ोसी देश होंडुरास जाने लगे. सल्वाडोर की सरकार ने भी इसका समर्थन किया क्योंकि इससे भू-माफिया के खिलाफ बगावत नहीं होती.
वहीं दूसरी तरफ इससे होंडुरास के किसानों को परेशानी हुई क्योंकि उनको लगा कि हमारा हक सल्वाडोर के किसानों के पास जा रहा है लिहाजा उन्होंने बगावत कर दी. लिहाजा सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए भूमि सुधार कानून लागू किया. इससे सल्वाडोर किसानों के हित प्रभावित हुई. नतीजतन सल्वाडोर और होंडुरास के लोगों के बीच वैमनस्य पनपा. इसके अलावा कई अन्य ऐतिहासिक कारण भी थे जिसके कारण इन दोनों देशों के बीच पहले से ही तनातनी बनी हुई थी. इन परिस्थितियों के बीच ऐसे फुटबाल मैचों ने आग में घी का काम किया. अल-सल्वाडोर के मैच जीतने के बाद दंगे भड़क गए. इन सबका नतीजा यह हुआ कि 14 जुलाई को सल्वाडोर ने होंडुरास पर हमला बोल दिया. 18 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते संघर्ष विराम हुआ.