मनियर की 30 वर्षीय पीसीएस अफसर मणिमंजरी की लाश सोमवार को उनके कमरे में पंखे के हुक से लटकती मिली थी। अधिकारी के पिता ने भी मंगलवार को बेटी की हत्या कर लटकाने का आरोप लगाया था। मंजरी के भाई ने जिस तरह के आरोप लगाए हैं, उसी तरह के आरोप अधिशासी अधिकारी सेवा संघ ने भी एक दिन पहले लगाते हुए डीएम को पत्र दिया था।
मणिमंजरी के भाई विजयानंद बुधवार को कोतवाली पहुंचे और पुलिस को तहरीर देते हुए एफआईआर लिखवाई। एफआईआर के अनुसार नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता कुछ ठेकेदारों के साथ मिलकर लगातार गलत भुगतान कराने का अधिशासी अधिकारी पर दबाव बना रहे थे। इन लोगों के दबाव के कारण ही अधिशासी अधिकारी ने खुद को तीन महीने तक जिला मुख्यालय पर संबद्ध करा लिया था। दोबारा मनियर में तैनाती हुई तो फिर दबाव बनाया जाने लगा।
एफआईआर के अनुसार मणिमंजरी का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर शासन से पैसा भी मंगाया गया। इसमें टैक्स लिपिक विनोद सिंह और कंप्यूटर आपरेटर अखिलेश भी शामिल थे। नगर पंचायत अध्यक्ष बिना टेंडर कराए ही दो करोड़ के 35 कार्यों को कराने का दबाव बना रहे थे। इसमें 18 काम एक ही ठेकेदार को दिया गया था। इसकी शिकायत अपर जिलाधिकारी से भी की गई थी। मनियर के पूर्व ईओ और सिकंदरपुर के वर्तमान ईओ संजय राव ने भी इसे लेकर दबाव बनाया। अधिशासी अधिकारी की गाड़ी का ड्राइवर भी उन लोगों से मिला हुआ था। शनिवार को ही ड्राइवर को हटा दिया था।
अधिशासी अधिकारी के भाई विजयानंद ने कहा कि जब भी वह बहन के यहां आता था, यह सब बातें बताती थी। शहर कोतवाल विपिन सिंह के अनुसार केस दर्ज कर लिया गया है। टीम बनाकर आगे की जांच की जाएगी।