नई दिल्ली। दिल्ली की उत्तरी जिला पुलिस ने वाहन चोरों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसके तार उत्तर पूर्वी राज्यों से लेकर पूरे देश में फैला है, पुलिस ने आगरा के सैनिक नगर निवासी राजीव शर्मा उर्फ राजू शर्मा (39 साल), मणिपुर निवासी मोहम्मद हबीबुर रहमान उर्फ मुजीबुर रहमान (39 साल) तथा कोलकाता के सागर राय (25 साल) को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 10 लग्जरी कारें बरामद की गई है।
आरोपित हबीबुर और सागर दिल्ली कार चोरी करने के लिये हवाई जहाज से आते थे और वापस चोरी की कार से जाते थे, हबीबुर मणिपुर विलेज डिफेंस फोर्स में नौकरी करती था, लेकिन कुछ दिन पहले उसने नौकरी छोड़ वाहन चोरी का धंधा शुरु किया, उसकी पत्नी मणिपुर पुलिस में हवलदार है, उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि 2 जुलाई को शक्ति नगर से आशीष अग्रवाल नाम के शख्स की कार चोरी हुई थी, मामले की जांच स्थानीय पुलिस के अलावा स्पेशल फोर्स को भी सौंपी गई।
जांच के दौरान 18 जुलाई को पुलिस को सूचना मिली, कि कार चोरी करने वाला राजीव शर्मा आईएसबीटी कश्मीरी गेट के पास आने वाला है, सूचना के बाद पुलिस ने उसे दबोचने की कोशिश की, लेकिन वो फरार होने की कोशिश करने लगा, पुलिस ने राजीव को गिरफ्तार कर लिया, उसके पास से एक कार बरामद की गई, जिसे मॉडल टाउन से चोरी किया गया था, पुलिस ने राजीव को 10 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो एक और कार बुराड़ी से बरामद की गई।
राजीव ने बताया कि वो छपरा में राम खिलावन और मणिपुर में जुम्मा खान को चोरी की कार सप्लाई करता है, जुम्मा हवाई जहाज से अपने दो साथियों हबीबुर और सागर को दिल्ली भेजता है, शक्ति नगर से चोरी की गई कार को संभल के यासिर शिकारी और मथुरा के हकीम ने मिलकर चोरी किया था, कार को पश्चिम बंगाल ले जाकर काट दिया गया।
बाकियों की तलाश जारी
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि हबीबुर और सागर चोरी की कार लेकर लखनऊ से कोलकाता जाने वाला है, सूचना के बाद पुलिस टीम ने दोनों को लखनऊ के फैजाबाद रोड स्थित क्रिस्टल व्यू अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया, इनके पास से 4 कारें बरामद की गई है, दोनों ने कहा कि वो कार के रिसीवर हैं, कार देश के अलग-अलग राज्यों में पहुंचाते हैं, मणिपुर के जुम्मा खान चोरी की कारों के फर्जी कागजात बनवाकर उन्हें बेच देता है, कुछ मामलों में इंश्योरेंस कंपनी से एक्सीडेंटल कारें खरीदकर उसी मॉडल की कार चोरी कर उसके इंजन और चेसिस नंबर बदलकर बेच दिया जाता है, पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।