बिकरू कांड की फॉरेंसिक जांच और पुलिस पड़ताल में यह तथ्य प्रकाश में आए थे कि विकास दुबे ने सेमीऑटोमेटिक सेल्फ लोडेड रायफल और स्प्रिंग रायफल का प्रयोग किया था। जांच में पुलिस को जानकारी मिली कि दोनों सिंगल शॉट रायफल थीं, जिन्हें पंजाब में मॉडीफाई कराया गया था। पूर्व एसएसपी दिनेश कुमार पी ने पंजाब में अलग से एक टीम लगाई थी। एसटीएफ भी इस मामले में जांच में लगी है।
लुधियाना के ग्रामीण इलाके में मॉडीफाई हुई
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक लुधियाना के एक ग्रामीण इलाके में रायफलों को मॉडीफाई करने का ही कार्य होता है। विकास के पास जो सेमीऑटोमेटिक रायफलें थी उन्हें मॉडीफाई कराने वाले दो लोग इसी इलाके के रहने वाले हैं। उनकी लोकेशन एसटीएफ को मिल गई है। एसटीएफ की एक टीम दोनों को खोजने के लिए वहां गई हुई है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक उन दोनों सदस्यों के मिलने के बाद और बड़े खुलासे होंगे।
अभी जारी रहेगी एसआईटी की जांच
कानपुर कांड की जांच के लिए गठित एसआईटी अभी अपना काम पूरा नहीं कर पाई है। अभी उसे कई लोगों के बयान दर्ज करने हैं और कई बिन्दुओं पर उसे और जानकारी मिलने वाली है। ऐसे में जांच में अभी एक और पखवारे का समय लग सकता है। अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी को शासन ने 31 जुलाई तक अपनी जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। एसआईटी में एडीजी एचआर शर्मा व डीआईजी जे. रवीन्द्र गौड़ शामिल हैं। एसआईटी ने पिछले दिनों कानपुर, लखनऊ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से विकास दुबे के अलावा उसके परिवार, करीबी रिश्तेदारों और गैंग के सदस्यों को मिलाकर कुल 57 लोगों के नाम खरीदे गए मकान, फ्लैट या भूखंडों के संबंध में जानकारी मांगी थी। इसके लिए उसने सभी 57 लोगों की सूची विकास प्राधिकरणों को भेजी है। कानपुर नगर व कानपुर देहात समेत तीन जिलों से विकास दुबे और गैंग के सदस्यों के नाम पर हो रहे ठेकों का ब्योरा मांगा है।
कुछ और लोगों का लेना है बयान :
सूत्रों के अनुसार एसआईटी को अभी कुछ और लोगों का बयान भी लेना है। ये नाम जांच के दौरान सामने आए हैं। इससे पहले 20 से 24 जुलाई तक ऐसे सभी लोगों का बयान दर्ज किया गया, जो इस मामले में एसआईटी को कोई साक्ष्य देना चाहते थे या अपना कथन दर्ज कराना चाहते थे। इस बीच पुलिस की जांच में भी कुछ और तथ्य सामने आए हैं। एसआईटी उसका भी संज्ञान लेकर अपनी जांच को आगे बढ़ाना चाहती है।