टीम इंडिया के कुछ दिग्गज क्रिकेटर्स ऐसे रहे हैं, जिन्हें शानदार करियर के बावजूद अपना विदाई मैच खेलने का मौका नहीं मिला। इस लिस्ट में 15 अगस्त 2020 को दो और नए नाम जुड़ गए। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना दोनों ने ही 15 अगस्त की शाम को इंटरनैशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। इसके साथ ही ये दोनों दिग्गज क्रिकेटर्स वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, गौतम गंभीर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ जैसे महान क्रिकेटरों की एक खास अनचाही लिस्ट में शामिल हो गए।
धोनी ने अपना आखिरी इंटरनैशनल मैच 10 जुलाई 2019 को खेला था। इसके बाद से वो क्रिकेट से ब्रेक पर थे, उनके संन्यास को लेकर चर्चा करीब एक साल से चल रही थी, लेकिन खुद माही ने कभी इस पर कुछ नहीं कहा था। न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में 50 रन बनाकर धोनी रनआउट हुए, उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि अब धोनी टीम इंडिया की ब्लू जर्सी में मैदान पर खेलते नजर नहीं आएंगे। धोनी के संन्यास के कुछ देर बाद ही रैना ने भी अपने संन्यास की घोषणा कर दी। रैना ने अपना आखिरी इंटरनैशनल मैच 17 जुलाई 2018 को खेला था।
धोनी-रैना से पहले इन भारतीय क्रिकेटरों को नहीं मिला विदाई मैच खेलने का मौका
राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के कप्तान भी रह चुके हैं, उन्होंने अगस्त 2011 में संन्यास की घोषणा की। राहुल द्रविड़ को शानदार इंटरनैशनल करियर के बावजूद फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
वीवीएस लक्ष्मण टेस्ट के बेस्ट बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। टेस्ट टीम से ड्रॉप होने के बाद लक्ष्मण ने अगस्त 2012 में संन्यास की घोषणा की।
वीरेंद्र सहवाग ने टीम इंडिया के लिए कई मैच जिताऊ पारियां खेलीं। अक्टूबर 2015 में उन्होंने इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कहा। उन्होंने आखिरी इंटरनैशनल मैच मार्च 2013 में खेला था।
युवराज सिंह टीम इंडिया के बेस्ट वनडे क्रिकेटरों में शामिल किए जाते हैं। युवी ने 2017 में आखिरी इंटरनैशनल मैच खेला था, दो साल टीम में वापसी की कोशिश करने के बाद उन्होंने 2019 में संन्यास की घोषणा की।
गौतम गंभीर का करियर शानदार रहा, लेकिन साल 2016 में आखिरी इंटरनैशनल मैच खेलने के बाद उन्होंने साल 2018 में इंटरनैशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।
टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10,000 रनों का आंकड़ा छूने वाले सुनील गावस्कर भी अपना फेयरवेल मैच खेले बिना ही क्रिकेट को अलविदा कह गए। 1987 वर्ल्ड कप के बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था।
इरफान पठान के करियर का आगाज जिस तरह से हुआ था, उन्हें लंबी रेस का घोड़ा माना जा रहा था। इरफान ने अपना आखिरी इंटरनैशनल मैच 2012 में खेला था और जनवरी 2020 में उन्होंने इंटरनैशनल क्रिकेट को अलविदा कहा।
मोहम्मद अजहरुद्दीन साल 2000 में मैच फिक्सिंग मामले में फंसे और बीसीसीआई ने उन पर आजीवन बैन लगा दिया था। इस तरह से अजहर को भी फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
जहीर खान टीम इंडिया के बेस्ट तेज गेंदबाजों में गिने जाते हैं। जहीर अपने करियर के दौरान चोटों से काफी परेशान रहे। साल 2014 में उन्होंने करियर का आखिरी इंटरनैशनल मैच खेला और अक्टूबर 2015 में संन्यास की घोषणा की।
अजय जडेजा पर साल 2003 में मैच फिक्सिंग के चलते 5 साल का बैन लगा था। जडेजा ने 2000 में अपना आखिरी इंटरनैशनल मैच खेला था और उन्हें भी फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला था।