पिछले दिनों सुरेश चव्हाणके ने अपने आगामी शो का एक ट्रेलर ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि सिविल सेवाओं में ‘संप्रदाय विशेष की घुसपैठ’ का ‘पर्दाफाश’ किया गया है। वीडियो में उन्होंने जामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (RCA) से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में स्थान पाने वाले छात्रों को ‘जामिया के जिहादी’ कहा था।
सुदर्शन न्यूज के सुरेश चव्हाणके वाले इस न्यूज एपिसोड को लेकर काफी बवाल हुआ। इस कार्यक्रम के 4 एपिसोड टेलीकास्ट हो चुके हैं, आगे के प्रसारण के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
इस बीच इमरान प्रतापगढ़ी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें इमरान प्रतापगढ़ी मुस्लिमों से ब्यूरोक्रेसी पर ‘कब्जा’ करने के लिए कहते हैं। वीडियो में इमरान प्रतापगढ़ी का कहना है कि फासिस्टों ने पिछले 30 सालों में उनके नस्ल का काफी नुकसान किया है।
इमरान प्रतापगढ़ी के अनुसार इससे एक फायदा भी हुआ है और वह फायदा यह है कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और नेपाल के बॉर्डर से लेकर राजस्थान के बॉर्डर तक डंडा लेकर भैंस चराने वाला आम मुस्लिम भी यह समझ चुका है कि इस देश में जिंदा रहना है तो बच्चों को पढ़ाना पड़ेगा।
“किसी भी देश का सिस्टम परफेक्ट नहीं होता है। माइक पर खड़े होकर कितना भी कोस लो, कितनी भी गालियाँ दे दो, लेकिन निजाम नहीं बदलता। मैं आपको दावत देता हूँ, अगर निजाम बदलना है तो सिस्टम का हिस्सा बनिए। अगर थाने में तुम्हारे नाम का सिपाही आ जाता है, तो थाने का निजाम बदल जाता है। अगर तुम मुल्क को सुधारना चाहते हो, अपना हक लेना चाहते हो तो ब्यूरोक्रेसी पर कब्जा करो। इसके अलावा कोई चारा नहीं है। अगर बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर या बहुत बड़ा बिजनेसमैन बनाते हो तो सिर्फ तुम्हारा फायदा होगा। अगर नस्लों का फायदा करना चाहते हो तो सिर्फ ब्यूरोक्रेसी पर कब्जा करो, पावर अपने हाथ में लो।”
गौरतलब है कि मंगलवार (सितंबर 15, 2020) को सुदर्शन न्यूज के कथित विवादित कार्यक्रम ‘नौकरशाही में मुस्लिमों की घुसपैठ’ पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जब आप कहते हैं कि जामिया मिलिया के छात्र सिविल सेवाओं में घुसपैठ करने वाले समूह का हिस्सा हैं, तो फिर हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। देश के सर्वोच्च न्यायालय के रूप में, हम आपको यह कहने की अनुमति नहीं दे सकते कि मुस्लिम सिविल सेवाओं में घुसपैठ कर रहे हैं। आप यह नहीं कह सकते कि पत्रकार को यह करने की पूर्ण स्वतंत्रता है।”
सुरेश चव्हाणके ने शो के दौरान कहा था कि यूपीएससी के लिए प्रवेश परीक्षा में सेंध लगाने के लिए उड़ान योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को 1 लाख रुपए दिए जाते हैं, जबकि हिंदुओं को ऐसा कोई लाभ नहीं मिलता है। इसी तरह, राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) में गैजेटेड पदों के लिए, अल्पसंख्यक समुदाय को 50000 रुपए और PSC के नन-गैजेटेड पोस्ट एवं SSC परीक्षा के लिए 25000 रुपए दिए जाते हैं।
सुदर्शन न्यूज ने यह भी खुलासा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए योजनाओं का लाभ उठाने वालों में से अधिकांश मुस्लिम हैं। मुस्लिम समुदाय के बाद, ईसाई दूसरे स्थान पर आते हैं; इसके बाद क्रमशः सिख, बौद्ध और पारसी आते हैं। बहरहाल, ब्योरोक्रेसी में ‘जाना’ एक बात है, मगर उस पर ‘कब्जा’ करने की तमन्ना अलग और नकारात्मक है।