नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने आज दिल्ली कोर्ट में दिल्ली दंगों की चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में अबतक 15 लोगों का नाम सामने आया है। जिसमें उमर खालिद और शरजील इमाम शामिल नहीं हैं। हालाँकि, पूरक चार्जशीट में उनका नाम होगा।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार चार्जशीट में इस बात उल्लेख किया गया है कि अनुच्छेद 370 के हटने और राम मंदिर निर्माण में रामजन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अल्पसंख्यकों को वर्तमान सरकार के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया गया। उन्हें बड़ी संख्या में इकट्ठा करने का प्रयास किया गया ताकि उनका इस्तेमाल सांप्रदायिक दंगों को अंजाम देने के लिए किया जा सके। चार्जशीट में कहा गया है कि उमर खालिद भीड़ जुटाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे लोगों में से एक था।
चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि उमर खालिद के साथ AAP नेता ताहिर हुसैन और खालिद सैफी (जिस पर IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का मामला दर्ज है) नाम भी शामिल है। बता दें खालिद सैफी प्रोपेगैंडा समूह यूनाइटेड अगेंस्ट हेट का संस्थापक हैं।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली के दंगों की साजिश की शुरुआत जनवरी में हुई थी जब तीनों शाहीन बाग में बैठकर विरोध प्रदर्शन और बाद में जामिया के पीएफआई कार्यालय में मिले थे।
- शरजील इमाम
- उमर खालिद
- दानिश
- मोहम्मद परवेज अहमद
- खालिद
- इशरत जहाँ
- मीरान हैदर
- ताहिर हुसैन
- गुलशन
- सफ़ुरा ज़रगर
- शफा-उर रहमान
- आसिफ इकबाल तनहा
- शादाब अहमद
- नताशा नरवाल
- देवांगना कलिता
- तस्लीम अहमद
- सलीम मलिक
- मोहम्मद सलीम खान
- अतहर खान
- मोहम्मद इलियास
कथिततौर उमर खालिद और शरजील इमाम पर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। दिल्ली दंगों में उमर खालिद की भूमिका का पहला प्रमाण उसके द्वारा दिए गए एक भाषण के बाद सामने आया था।
कथिततौर पर 20 फरवरी को अमरावती में भाषण दिया गया था। उस भाषण में उसे स्पष्ट रूप से यह कहते हुए सुना गया कि 24 फरवरी को जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत का दौरा करेंगे, तो मुसलमानों को अमेरिकी राष्ट्रपति को यह दिखाना चाहिए कि भारत के लोग सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ लड़ रहे हैं।
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कथिततौर पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाया है कि सीएए विरोध में हुए दिल्ली दंगे एक पूर्व नियोजित साजिश थी। एंटी-सीएए प्रदर्शन करने का पैसा पीएफआई के साथ साथ विदेशों से भी आया था। कथिततौर पर उस राशि का उपयोग करके हथियार भी खरीदे गए थे। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के फोन से 40 जीबी डेटा भी बरामद किया है। जो 11 लाख पेज के डेटा में शामिल है।