कानपुर/लखनऊ। यूपी के कानपुर में बड़े शेयर कारोबारियों और हाई प्रोफाइल बिजनेसमैनों की काली कमाई को सफेद करने का अनोखा कारनामा सामने आया है. सुलभ इंजीनियरिंग एंड सर्विसेज लिमिटेड कंपनी बनाकर एक साल में ही शेयरों की कीमतों में लगभग 35 सौ प्रतिशत का इजाफा कर डाला गया. हजारों करोड़ की इस हेराफेरी में सेबी ने 102 बिजनेसमैनों की सभी शेयर गतिविधियों को सीज किया है.
सेबी के एक्शन से कानपुर के व्यापारियों में हड़कंप मच गया है. आजतक के पास सेबी के आदेश की कॉपी मौजूद है. कानपुर में कंपनी के ऑफिस की जगह हैवेल्स का शोरूम बना हुआ है. देश में शेयर कारोबार की हेराफेरी पर नजर रखने वाली जांच एजेंसी सेबी ने कानपुर के हाई प्रोफाइल व्यापारियों द्वारा अपनी काली कमाई को सफेद करने का ऐसा खेल पकड़ा है जिससे खुद सेबी ही हैरान रह गई है.
सेबी ने इस खेल में शामिल 102 बड़े व्यापारियों की सभी शेयर गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. सेबी ने सभी स्टॉक एक्सचेंजों को आदेश देकर इनके सभी शेयर एकाउंटों को सीज करा दिया है. क्योंकि सेबी ने जांच में पाया है कि इन व्यापारियों ने एक कंपनी बनाकर उसके शेयरों की कीमत को एक साल में ही 3500 प्रतिशत बढ़ाकर हजारों करोड़ की काली कमाई को सफेद कर डाला है.
3 सितंबर को सेबी ने जांच के बाद यह आदेश दिया है. इस शेयर कीमत की हेराफेरी में शामिल सभी व्यापारी अब किसी तरह की शेयर मार्केटिंग में शामिल नहीं होंगे. इस कंपनी के दो डायरेक्टरों को तो सेबी ने किसी कंपनी में डायरेक्टर या मैनेजिंग मैनेजर के रूप में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है. सेबी अब इन पर जुर्माने और अन्य कार्यवाही करने की सुनवाई कर रही है.
सेबी की जांच में सामने आया है कि सुलभ इंजीनियरिंग एंड सर्विसेज लिमिटेड कंपनी के लगभग 2 करोड़ चालीस लाख शेयर्स की ट्रेडिंग की गई. इन शेयर्स की ट्रेडिंग करके लगभग 11 हजार 483 करोड़ के काले धन को सफेद धन बनाया गया, और इस पर सरकार को मिलने वाला अरबों रुपये का टैक्स चोरी किया गया.
कंपनी के शेयरों की खरीद-फरोख्त में 80 प्रतिशत व्यापारी कानपुर के शामिल थे और बाकी के कोलकाता के थे. अचानक एक साल में किसी अनजान सी कंपनी के शेयर आखिर 3500 प्रतिशत तक कैसे बढ़ गए. सेबी ने 2017 में इस कंपनी की जांच शुरू की तो काले धन को सफेद करने का खेल खुलता चला गया. आखिर सभी 150 शेयर होल्डरों की सेबी ने जांच की. जिसमें 102 व्यापारियों की कंपनी में शेयर खरीद-फरोख्त को अवैध पाया गया.
एक साल की जांच के बाद आखिरकार 3 सितंबर को सेबी ने आदेश दिया कि कंपनी के शेयर दामों में अत्यधिक बढ़ोतरी अवैध ढंग की गई इसलिए इसके 102 शेयरधारकों की सभी शेयर गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है. सभी के शेयर एकाउंट सीज किए जाते हैं. ये आदेश सेबी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के होल टाइम मेंबर माधाबी पूरी बुच ने दिया है.
सेबी ने इस घोटाले में मनोज कुमार अग्रवाल, सुबोध अग्रवाल, संतोष कुमार अग्रवाल और दीपा मित्तल समेत 102 व्यापारियों को दोषी माना है. सेबी के इस आदेश के बाद अब इन पर जुर्माने और अन्य कार्यवाही की सुनवाई जारी है.