नई दिल्ली। चीन एक तरफ नेपाल के साथ तेजी से अपनी दोस्ती मजबूत कर रहा है। दूसरी तरफ अपना विस्तारवादी चरित्र दिखाते हुए नेपाल के इलाकों पर अतिक्रमण कर इमारतों का निर्माण भी कर रहा है।
खबर हब की एक रिपोर्ट के अनुसार, हुमला के लापचा-लिमी क्षेत्र की हालिया तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने क्षेत्र में अब तक आठ इमारतें बना ली हैं। बावजूद इसके भारतीय इलाकों पर दावा ठोकने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपनी जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण पर चुप्पी साध रखी है।
हुमला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी दलबहादुर हमाल इस क्षेत्र की हाल की तस्वीरों को देखकर हैरान रह गए और मामले की जाँच शुरू की है। स्थानीय नेपाली लोगों ने चीनी सेना के हाथों हुए उत्पीड़न की शिकायत भी की है। नेपाली जिला के अधिकारियों ने 30 अगस्त से 9 सितंबर तक क्षेत्र का निरीक्षण किया था।
IFE न्यूज नेटवर्क के सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन ने पीएम ओली को इस मामले की खबर देते हुए चिंता जाहिर की, लेकिन अब तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। स्थानीय लोगों को डर है कि नेपाली प्रशासन ने गुप्त सौदा करते हुए क्षेत्र में चीनी सेना को इसके लिए अनुमति दी है।
नेपाल की मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि घटना के बारे में जानने के बाद, नेपाल के गृह मंत्रालय (MoHA) ने मामले को नेपाल के विदेश मंत्रालय को फॉरवर्ड कर दिया है। खबर हब ने निगरानी टीम के एक सदस्य के हवाले से कहा, “हम दूर से इमारतों को देख सकते थे। हमने चीन द्वारा वहाँ बनाई जा रही 1 इमारत के बारे में अफवाहें सुनी थीं, लेकिन निरीक्षण के बाद वहाँ ऐसी 8 बिल्डिंग्स पाई गई हैं।”
बता दें मामले की आगे की जाँच के लिए, सीडीओ चिरंजीवी गिरि और चार सुरक्षा निकायों के प्रमुख की एक टीम एक सप्ताह के लिए लापचा का दौरा करेगी।
गौरतलब है कि ऐसे वक़्त में भी नेपाल के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री केपी ओली भारतीय भूमि पर विचित्र दावे करने में व्यस्त हैं। कुछ दिनों पहले नेपाल ने आधिकारिक बयानों में कहा था कि नैनीताल, देहरादून, लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा सहित भारतीय क्षेत्र उसका हिस्सा हैं। जून में ऐसी खबरें आई थीं कि चीन ने नेपाल में 10 से अधिक स्थानों पर कब्जा कर लिया है।