कानपुर। कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में गुरुवार को चार्जशीट दाखिल होने के बाद शुक्रवार को शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा का एक और ऑडियो वायरल हुआ। एसओ बिल्हौर से फोन पर बात करते हुए उन्होंने पूर्व एसओ चौबेपुर के बारे में कई बातें शेयर कीं। इतना ही नहीं शहीद सीओ दबिश पर नहीं जाना चाहते थे मगर उन्हें डर था कि पूर्व एसओ नए कप्तान से उनकी शिकायत कर सकता है। इसी के डर से वह दबिश पर चले गए थे।
फोन पर दोनों के बीच क्या बात हुई
शहीद सीओ- जय हिंद यार, यह एक जो है जबसे तिवारी जी चौबेपुर पहुंचे तब से विकास दुबे की हिम्मत बढ़ गई है। एक बीच में मारपीट किसी के साथ किया। आज एक किसी को अपहरण करने की कोशिश की। उसे बंद रखा, मारा-पीटा तो वह यहां पर एफआईआर कराने आया। इसमें मुझसे कहा कि वह 364 और मारपीट और 342 का तहरीर दे रहा है, मुकदमा लिख दूं। मैंने कहा अपराधी है, मुकदमा लिखने में क्या आपत्ति है। एसपीआरए को बता दीजिए।
एसओ- जी
सीओ- एसपीआरए का फोन आया तो मैंने कहा साहब बहुत बड़ा अपराधी है। उसके खिलाफ 54-55 मुकदमे हैं और यह थाने में हत्या किया था शिवली थाने में आपको मालूम होगा।
एसओ- जी…जी
सीओ- शिवली थाने में हत्या किया था तो बोले कोई धारा कम नहीं होनी चाहिए, मुकदमा लिखाओ। एसपीआरए साहब ने एसएसपी को बता दिया।
एसओ- जी
सीओ- एसएसपी साहब ने इसको हौंका होगा कि गिरफ्तारी करिए
एसओ- हां
सीओ- जब गिरफ्तारी नहीं, पता यह वर्दी पहनकर उसके पैर छूता है।
एसओ- अरे
सीओ- हां, आपको नहीं मालूम यह पैर छूता। एक बार मैंने इससे कहा कि यह इस अपराधी से मर्डर न करवा देना तुम। अपने यहां दो चार मर्डर।
एसओ- जी….जी
सीओ- तो बोले साहब ऐसा है कि अपराधी अपराधी की न सूचना देता है। बढ़िया कुछ इनामी वगैरह करवा देगा।
एसओ- जी
सीओ- तो मैंने कहा यार, कई लोग बैठे थे उनके सामने की बात है। तो मैंने कहा यार तुमसे तो मुझे बात ही करना गुनाह है। अब आज मुझसे कह रहा है कि आप साहब आ जाइए, चलिए गिरफ्तारी में। उसका मतलब यह है कि कल मैं कहूं की सीओ साहब आए थे, मैं थोड़े न आया था गिरफ्तारी के लिए।
एसओ- हां—हां, अपने बचाव के लिए
सीओ- अपने बचाव के लिए सीओ साहब, तो मैंने एसओ शिवराजपुर को भिजवा दिया है।
एसओ- नहीं ठीक बात है, कोई बात हो तो मुझे बताना मैं भी चला जाऊंगा
सीओ- नहीं…नहीं, हम तो आधी दूरी आ गए हैं, ऐसा नहीं है, हम चौबेपुर के एक- दो- तीन किलोमीटर पहले हैं।
एसओ- जी…जी
सीओ- लेकिन मुझे एसपी, एसपीआरए ने तो कहा नहीं, न एसएसपी साहब ने कहा, मैंने शिवराजपुर एसओ को बता दिया है। वह पहुंच गया है। अब बताओ हम क्या करें। आप बताइए।
एसओ- नहीं कहा तो कोई गिरफ्तारी में जाने की आपकी आवश्यकता थोड़े है। यदि फोर्स की जरूरत होगी तो हम लोग जाएंगे और फोर्स जाएगा। सीओ- नहीं आप बताओ, इसलिए हम आपसे सलाह के लिए कह रहे हैं। जाने के लिए कही है तो चला जाऊं। यह भगा तो दिया होगा मैं आपको बताऊं। उसको तो भगा दिया होगा पक्का
एसओ- हां, तो वह तो आप थाने तक चले जाएं सर।
सीओ- हां, तो थाने तक मैं जा रहा हूं।
एसओ- थाने जाइएगा, घर जाने की जरूरत नहीं किसी के।
सीओ- थाने तक मैं जा रहा हूं। मान लो कहे चलो साथ में तब
एसओ- नहीं, नहीं साथ क्यों जाएं। वो क्यों कहेंगे, आप कहें आप जाइए दबिश डालिए हम यहां बैठे हैं।
सीओ- ठीक है
एसओ- और उनसे पूछ लो कि दबिश अभी गई की नहीं गई
सीओ- ठीक है, ठीक है
एसओ- वो कोई आपका इंतजार क्यों, करे जाकर के दबिश दे। शिवराजपुर (तत्कालीन एसओ शिवराजपुर) हो गए हैं, वो (तत्कालीन एसओ चौबेपुर) हो गए हैं दोनों पहुंचकर के दबिश दें।
सीओ- नहीं. मान लो कहें एसएसपी से की सीओ साहब मना कर दिए आने के लिए।
एसओ- नहीं…नहीं, मना करने की कोई बात ही नहीं सर, जब यह निकल जाएं तब आप पहुंचो थाने
सीओ- बात यह है न कि नए नए आए हैं कप्तान, उनसे कहने लगे उल्टा कि साहब उनको बुलवाया।
एसओ- इनसे पूछ लो महेश से कि दबिश निकल गई कि नहीं निकली
सीओ- नहीं गया, यार तुम जानते हो न हर चीज आदमी एक दूसरो को वो है। जा रहे हैं, का कर लेंगे देखा जाएगा।
एसओ- चले जाएं सर, उसने भगा तो दिया ही होगा 100 परसेंट
सीओ- भगा तो दिया होगा
एसओ- जब पैर छूते हैं तो इतना तो करेंगे ही वफादारी में
सीओ- कल हम मिलेंगे एसएसपी साहब से
एसओ- जी
सीओ- यह बताएंगे कि करतूत कैसे।
एसओ- जो सर यह 66 आईटी एक्ट लगा लगाकर लड़कियों के मामले भेज रहे हैं। मैं कल गया था जो इन्होंने 354 और आईटी एक्ट लगाकर भेजा एक
सीओ- आईटी एक्ट निकालकर दे दो वापस
एसओ- वो तो देंगे ही सर। उसमें कह रहे हैं कि हमने एक मैसेज किया था कि लास्ट बार मुझसे बात कर लो बाबू मुझसे बात कर लो। तो मैंने कहा ये तो कोई अपराध ही नहीं कोई आदमी रिक्वेस्ट कर रहा है किसी लड़का और लड़की को बात करने की बात कर रहा है। तो बात करने में कौन सी बुराई है।
सीओ- हम्म
एसओ- न करे तो न करे। कोई गाली या कोई अश्लील बात तो नहीं कर रहा है। इसी तरह एक और वो 376 वाले में उसकी फोटो वो किसी सिपाही के खिलाफ लिखा गया है। वह शादी का फोटो वायरल कर दिया। तो शादी का फोटो वायरल करना अपराध में तो आता नहीं है।
सीओ- न, इसको कुछ करना धरना है, नहीं केवल पैसा रख लो और चलते बनो, ये काम है इनका
एसओ- ये पेशबंदी बहुत कर रहे हैं सर
सीओ- अरे रुक जाइए, दो चार दिन का मामला है। लखनऊ से जांच आई थी मालूम नहीं है आपको
एसओ- नहीं मालूम है, सर बता रहे थे। तभी तो यह आपसे मिलने की जिद कर रहे थे।
सीओ- मैंने आपसे बताया नहीं था जो ये यहां से निपटा दिया था न कप्तान से सीओ कल्याणपुर से कह कर के
एसओ- जी जी
सीओ- हम समझ ही रहे थे यहां निपट जाएगा। तभी तो हमने वहां से बैठवाई थी जांच
एसओ- जी सर जी सर
सीओ- तो उसी में निपट जाएगा। नहीं होगा तो कप्तान निपटा देगा।
एसओ- जी जी
सीओ- जा रहा हूं देखता हूं
एसओ- जी जी सर जय हिंद
(हम इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता)