लखनऊ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि वर्तमान में पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ रही है। इस अंजान ताकत से लड़ाई के लिए अभी तक जो रणनीति अपनायी गई है, उससे हम आपदा के गहरे समुंदर से निकलकर किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अभी तक हमने सतर्कता और बचाव का जो रास्ता चुना है, उसे बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व व देश के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन खोजने के लिए पूरी तन्मयता से जुटे हैं। अब वैक्सीन की रिसर्च अपने अंतिम चरण में चल रही है।
प्रधानमंत्री जी आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड वैक्सीन की कोल्ड चेन तथा वितरण के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहित देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना जब प्रारम्भिक चरण में आया था, तो ‘प्रधानमंत्री केयर फण्ड’ के माध्यम से देश में कोविड-19 के टेस्ट को बढ़ाने व हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने की कार्यवाही की गयी। देश के विभिन्न राज्यों में 160 आॅक्सीजन प्लाण्ट लगाये जा रहे हंै, साथ ही ,सभी राज्यों को वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराये गये हैं।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने, राशन देने व स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सराहनीय कार्य किया है। राज्य के अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाया गया है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने मंे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किये गये कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोविड को लेकर देश के सभी राज्यों के पास एक बड़ा डाटा उपलब्ध है। उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वैक्सीन पर किये जा रहे शोध अंतिम चरण में हैं। चंूकि भारत एक बड़ा देश है, जिसकी आबादी 130 करोड़ से अधिक है, ऐसे में हमें एक स्ट्रेटजी बनानी होगी। इसके लिए सभी मुख्यमंत्री अपने राज्य की स्थितियों व परिस्थितियों का अध्ययन करते हुए यह तय करें कि उन्हें कितनी वैक्सीन की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत सप्लाई व कोल्ड चेन को मजबूत किया जाए।
वैक्सीन बनाने में भारत विश्व के हब के रूप में जाना जा रहा है। भारत बायोटेक व जायडस कैडिला कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में पूरी सक्रियता से कार्य कर रहा है। आने वाले महीनों में यह उम्मीद की जा रही है कि कोरोना की वैक्सीन हमारे सामने होगी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यू0एच0ओ0 की गाइड लाइन के अनुसार वैक्सीनेशन के पहले चरण में फ्रण्टलाइन वर्कर, 65 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोग व बीमार व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर यह वैक्सीनेशन उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि देश के सभी मुख्यमंत्री स्टेट स्टेयरिंग कमेटी की बैठक करके वैक्सीन की कोल्ड चेन तथा वितरण की कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि हमें ब्लाॅक लेवल तक वैक्सीन की चेन को पहुंचाना है। साथ ही, कार्य के कुशल सम्पादन हेतु पर्याप्त वैक्सीनेटर्स की व्यवस्था भी करनी होगी। इसके लिए प्रशिक्षण की अवश्यकता होगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पूरे विश्व में कोरोना का प्रसार एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। भारत के आठ राज्यों-महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़, केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान तथा गुजरात में विगत दिनों में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। इन राज्यों में देश के 66 प्रतिशत कोरोना पाॅजिटिव मरीज सामने आए हैं। इसलिए आवश्यक है कि यह राज्य कोरोना को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करें, क्योंकि सतर्कता और बचाव ही इसका उपचार है। इन राज्यों में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए उन्होंने अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। कोरोना अभी गया नहीं है, इसलिए ढिलाई बरतने की भूल न करें। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी, हाथ की सफाई आदि का ध्यान रखा जाए। लोगों को सतत जागरूक किया जाए।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश पूरी सक्रियता से कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया कि कोविड-19 के टीकाकरण के लिए प्रदेश में एक सुदृढ़ कोल्ड चेन व्यवस्था तैयार की जा रही है। राज्य की विशाल आबादी को ध्यान में रखते हुए वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेटर्स की उपलब्धता के व्यापक प्रबन्ध किये जा रहे हैं। वैक्सीनेटर्स के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की है।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान नीति आयोग के सदस्य डाॅ0 वी0के0 पाल ने कोविड-19 की वैक्सीन के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण भी प्रस्तुत किया।