नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब ढाई महीने से दिल्ली सीमा पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राज्यसभा में दिये गये पीएम मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है, उन्होने कहा कि मसले को सुलझाने के बजाय सरकार उसे लगातार उलझा रही है, राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कब कहा कि एमएसपी खत्म हो जाएगा, एमएसपी को अनिवार्य बनाने के लिये सरकार को कानून बनाना चाहिये, पीएम मोदी यदि किसानों से बातचीत करने चाहते हैं, तो उनका किसान मोर्चा उनसे बात करेगा, राकेश टिकैत ने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि जैसे वो लोगों को गैस सिलेंडर की सब्सिडी छोड़ने की अपील करते हैं, वैसे ही अपील एक बार सांसद-विधायकों से पेंशन छोड़ने की भी कर दें।
किसान आंदोलन को जाट आंदोलन बताये जाने पर राकेश टिकैत ने कहा कि ये मसला पहले पंजाब का और हरियाणा का था, फिर जाटों का बना, अब ये आंदोलन छोटे-बड़े किसानों का हो गया है, सभी किसान एक हैं, छोटा बड़ा क्या है, किसान नेता ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार नहीं होगा, अनाज की कीमत भूख पर तय नहीं होगी, देश में पानी से सस्ता दूध बिकता है और उसका भी रेट तय होगा।
आपको बता दें कि इससे पहले राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने किसान आंदोलन की आड़ में राजनीति कर रहे विपक्ष को करार जवाब दिया, उन्होने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि आज विपक्ष कृषि रिफॉर्म्स पर यू-टर्न क्यों ले रहा है, पीएम ने साफ कहा कि कुछ लोग नये कृषि कानूनों पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, कानून को लेकर किसानों की हर शंका का समाधान किया जाएगा, किसानों की बड़ी मांग पर स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होने कहा, एमएसपी कोई खत्म नहीं कर सकता, एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच बातचीत के रास्ते कतई बंद नहीं हुए हैं, कृषि मंत्री लगातार किसानों के संपर्क में हैं, उन्होने किसानों को संदेश देते हुए कहा, नये कृषि कानून देश में बड़ा परिवर्तन लाने वाले साबित होंगे, कानून लागू होने का ये कतई मतलब नहीं है कि बाद में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता, भविष्य में भी कहीं कोई कमी नजर आई, तो उसे सुधारा जाएगा।