बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनकी दक्षताओं को बढ़ाने के लिए
विशेष प्रयास किये जाने के दृष्टिगत 100 दिन का विशेष अभियान
‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ आयोजित करने का निर्णय
प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान’ संचालित होगा
इस अभियान के अन्तर्गत बच्चों को शिक्षा की मुख्य
धारा से जोड़ने के लिए कई गतिविधियां संचालित की जाएंगी
प्रेरणा ज्ञानोत्सव के तहत सभी विद्यालयों में विशेष अभियान विद्यालय खुलने के
प्रथम दिवस से प्रारम्भ किया जाएगा तथा 100 दिन तक यह अभियान निरन्तर चलेगा
मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) का पालन
करते हुए विद्यालयों का पुनः संचालन किये जाने के निर्देश
कोविड-19 के दृष्टिगत ‘मिशन प्रेरणा ई-पाठशाला’ के तहत प्रत्येक कक्षा और
विषय के लिए मासिक पंचांग के अनुसार कक्षावार एवं विषयवार सामग्री सप्ताह
के प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को व्हाट्सएप गु्रप्स के
माध्यम से शिक्षकों से साझा की जाएगी
कोविड प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में उत्पन्न जिज्ञासाओं को दूर करने तथा मिशन
प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभियान मोड में कार्य किए जाने के निर्देश
विद्यालय द्वारा प्रत्येक गांव, मोहल्ले में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जाएगा
प्रेरणा ज्ञानोत्सव के आयोजन हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स एवं उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आहूत की जाएगी
जनपद/विकास खण्ड स्तरीय प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान के दौरान उत्कृष्ट
कार्य करने एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के क्रम बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार तथा बच्चों में आधारभूत लर्निंग कौशल पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के लिए ‘मिशन प्रेरणा’ का फ्लैगशिप कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस मिशन का उद्देश्य है कि कक्षा-01 से 05 तक के सभी छात्र-छात्राएं मार्च, 2022 तक आधारभूत लर्निंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लें। इस सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है, परन्तु कोविड महामारी के दौरान बच्चों के लिए विद्यालय लम्बे समय से बन्द होने के कारण उनकी दक्षताएं प्रभावित हुई हैं। बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनकी दक्षताओं को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जाने के दृष्टिगत 100 दिन का विशेष अभियान ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के अन्तर्गत बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई गतिविधियां संचालित की जाएंगी। ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ के तहत सभी विद्यालयों में विशेष अभियान विद्यालय खुलने के प्रथम दिवस से प्रारम्भ किया जाएगा तथा 100 दिन तक यह अभियान निरन्तर चलेगा।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) का पालन करते हुए विद्यालयों का पुनः संचालन किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। कोविड-19 के दृष्टिगत ‘मिशन प्रेरणा ई-पाठशाला’ के तहत प्रत्येक कक्षा और विषय के लिए मासिक पंचांग के अनुसार कक्षावार एवं विषयवार सामग्री सप्ताह के प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को व्हाट्सएप गु्रप्स के माध्यम से शिक्षकों से साझा की जाएगी। साझा की गयी सामग्री द्वारा बच्चों को अभ्यास एवं हल करने के लिए निरन्तर प्रोत्साहित किया जाएगा। शिक्षक और अभिभावक के बीच संवाद स्थापित होगा। साथ ही, अध्यापकों द्वारा अभिभावकों से विद्यालय के व्हाट्सएप गु्रप से जुड़ने, दूरदर्शन से प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रमों को देखने तथा दीक्षा एप डाउनलोड कर बच्चों को पढ़ने हेतु प्रेरित करने का अनुरोध किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ अभियान के तहत समृद्ध हस्त पुस्तिका (Remedial Teahcing Plan) पर आधारित रिमीडियल टीचिंग संचालित की जाएगी। प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के दृष्टिगत समृद्ध हस्तपुस्तिका पर आधारित प्रशिक्षण भी किया जाएग। इस हस्तपुस्तिका पर आधारित रिमीडिययल शिक्षण करने के 100 दिन बाद सभी बच्चों का अंतिम आकलन (Endline Assesment) SAT-3 परीक्षा के आधार पर किया जाएगा तथा विद्यालय द्वारा प्रत्येक बच्चे का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा एवं अभिभावकों की उपस्थिति में यह रिपोर्ट कार्ड बच्चों में वितरित किया जाएगा।
कोविड प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में उत्पन्न जिज्ञासाओं को दूर करने तथा मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभियान मोड में कार्य किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अभियान को प्रारम्भ करने के पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों की बैठक की जाएगी तथा शिक्षा चौपाल के आयोजन हेतु विस्तृत चर्चा कर कार्ययोजना बनायी जाएगी। इस कार्यक्रम में ए0आर0पी0, एस0आर0जी0 एवं शिक्षक संकुल की विशेष भूमिका रहेगी। विद्यालय द्वारा प्रत्येक गांव, मोहल्ले में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जाएगा।
प्रेरणा ज्ञानोत्सव के आयोजन हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स एवं उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आहूत की जाएगी। जनपद/विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स के अधिकारियों, प्राचार्य, डायट एवं मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा इस अभियान के दौरान कम से कम 05-05 गांवों में आयोजित शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग किया जाएगा। प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के संचालन में अभिभावकों, मीडिया और जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ते हुए उनका सहयोग लिया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा चौपाल के तहत कोविड प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में बच्चों एवं अभिभावकों की जिज्ञासाओं का समाधान करना एवं उन्हें जागरूक करना, अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक गृह कार्य पूर्ण कराने एवं बच्चों को लिखित कार्य के माध्यम से अभ्यास कराने आदि पर चर्चा होगी। प्रत्येक शिक्षा चौपाल में ए0आर0पी0 अथवा शिक्षक संकुल की प्रतिभागिता अनिवार्य होगी। कक्षा-कक्ष में सुधार (Classroom Transformation) के लिए विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा अभिभावकों को छोटे-छोटे समूहों में बुलाकर अथवा गृह भ्रमण कर प्रेरणा लक्ष्य, प्रेरणा सूची, मॉड्यूल्स पर चर्चा, सहज पुस्तिका, संदर्शिका, गणित किट, शिक्षक डायरी, प्रिण्ट रिच मटीरियल, समृद्ध मॉड्यूल, पाठ योजना, पुस्तकालय, रिपोर्ट कार्ड, बाल संसद, विद्यालय प्रबन्ध समिति, शैक्षणिक अवधि का पुनर्निधारण, दीक्षा एवं रीड एलॉन्ग एप, व्हाट्सएप क्लासेज़, दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण, शिक्षक संकुल, सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, प्री-प्राइमरी शिक्षा, एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम, Sharda (स्कूल हर दिन आएं) प्रणाली, समावेशी शिक्षा तथा स्मार्ट क्लास का संचालन आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि इन सभी गतिविधियों एवं परिवर्तित कक्षा-कक्ष के स्वरूप से अभिभावकों को अवगत कराते हुए बच्चों के गृह कार्य (Home Work) एवं शैक्षणिक कार्यों में प्रतिभागी बनाने के लिए उन्हें निरन्तर प्रेरित किया जाएगा। प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन को सफल एवं जनान्दोलन बनाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं ए0आर0पी0/एस0आर0जी0 द्वारा विशेष प्रयास सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ आयोजित किये जाने सम्बन्धित शासनादेश अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को भेजा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ अभियान के तहत समृद्ध हस्त पुस्तिका (Remedial Teahcing Plan) पर आधारित रिमीडियल टीचिंग संचालित की जाएगी। प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के दृष्टिगत समृद्ध हस्तपुस्तिका पर आधारित प्रशिक्षण भी किया जाएग। इस हस्तपुस्तिका पर आधारित रिमीडिययल शिक्षण करने के 100 दिन बाद सभी बच्चों का अंतिम आकलन (Endline Assesment) SAT-3 परीक्षा के आधार पर किया जाएगा तथा विद्यालय द्वारा प्रत्येक बच्चे का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा एवं अभिभावकों की उपस्थिति में यह रिपोर्ट कार्ड बच्चों में वितरित किया जाएगा।
कोविड प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में उत्पन्न जिज्ञासाओं को दूर करने तथा मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभियान मोड में कार्य किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अभियान को प्रारम्भ करने के पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों की बैठक की जाएगी तथा शिक्षा चौपाल के आयोजन हेतु विस्तृत चर्चा कर कार्ययोजना बनायी जाएगी। इस कार्यक्रम में ए0आर0पी0, एस0आर0जी0 एवं शिक्षक संकुल की विशेष भूमिका रहेगी। विद्यालय द्वारा प्रत्येक गांव, मोहल्ले में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जाएगा।
प्रेरणा ज्ञानोत्सव के आयोजन हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स एवं उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आहूत की जाएगी। जनपद/विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स के अधिकारियों, प्राचार्य, डायट एवं मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा इस अभियान के दौरान कम से कम 05-05 गांवों में आयोजित शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग किया जाएगा। प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के संचालन में अभिभावकों, मीडिया और जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ते हुए उनका सहयोग लिया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा चौपाल के तहत कोविड प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में बच्चों एवं अभिभावकों की जिज्ञासाओं का समाधान करना एवं उन्हें जागरूक करना, अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक गृह कार्य पूर्ण कराने एवं बच्चों को लिखित कार्य के माध्यम से अभ्यास कराने आदि पर चर्चा होगी। प्रत्येक शिक्षा चौपाल में ए0आर0पी0 अथवा शिक्षक संकुल की प्रतिभागिता अनिवार्य होगी। कक्षा-कक्ष में सुधार (Classroom Transformation) के लिए विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा अभिभावकों को छोटे-छोटे समूहों में बुलाकर अथवा गृह भ्रमण कर प्रेरणा लक्ष्य, प्रेरणा सूची, मॉड्यूल्स पर चर्चा, सहज पुस्तिका, संदर्शिका, गणित किट, शिक्षक डायरी, प्रिण्ट रिच मटीरियल, समृद्ध मॉड्यूल, पाठ योजना, पुस्तकालय, रिपोर्ट कार्ड, बाल संसद, विद्यालय प्रबन्ध समिति, शैक्षणिक अवधि का पुनर्निधारण, दीक्षा एवं रीड एलॉन्ग एप, व्हाट्सएप क्लासेज़, दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण, शिक्षक संकुल, सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, प्री-प्राइमरी शिक्षा, एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम, Sharda (स्कूल हर दिन आएं) प्रणाली, समावेशी शिक्षा तथा स्मार्ट क्लास का संचालन आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि इन सभी गतिविधियों एवं परिवर्तित कक्षा-कक्ष के स्वरूप से अभिभावकों को अवगत कराते हुए बच्चों के गृह कार्य (Home Work) एवं शैक्षणिक कार्यों में प्रतिभागी बनाने के लिए उन्हें निरन्तर प्रेरित किया जाएगा। प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन को सफल एवं जनान्दोलन बनाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं ए0आर0पी0/एस0आर0जी0 द्वारा विशेष प्रयास सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव’ आयोजित किये जाने सम्बन्धित शासनादेश अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को भेजा गया है।