संयुक्त राष्ट्र (यूएन)। संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में कोवैक्स योजना के तहत घाना दुनिया का पहला देश बना है जिसको वैक्सीन पहुंचाई गई है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से इस वैक्सीन की करीब 6 लाख खुराकों को वहां तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। इस वैक्सीन को ऑक्सफॉर्ड और ऐस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको एतिहासिक बताया है।
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया के करीब 140 देशों को इस योजना के तहत वैक्सीन पहुंचाएगा। इसके लिए संगठन काफी समय से तैयारी कर रहा था। संगठन ने कुछ समय पहले ही कहा था कि वैकसीन की सप्लाई सीमित है, लिहाजा इसको प्राथमिकता के आधार पर दिया जाना होगा। इसके साथ ही संगठन ने ये भी साफ किया था वैक्सीन लेने के बाद भी सभी को पहले की ही तरह एहतियात बरतनी जरूरी हागी। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन उन देशों को ये वैक्सीन मुहैया करवाएगा जो या तो बेहद गरीब हैं और वो जो इस महामारी से अकेले नहीं लड़ पाएंगे। डब्ल्यूएचओ की तरफ से कहा गया है कि इस पहल का मकसद जरूरतमंद देशों को कोरोना की वैक्सीन सही तरह से वितरित करना है।
आपको बता दें कि जिस वैक्सीन को घाना भेजा गया है उसका उत्पादन भारत के सीरम इन्स्टीट्यूट में किया गया है। पहली बार ये वैक्सीन यूएन की योजना के तहत किसी अन्य देश को भेजी गई है। डब्ल्यूएच का कहना है कि जल्द ही इसकी आपूर्ति आइवरी कोस्ट को की जाएगी। इस वैक्सीन को उन देशों को मुहैया करवाया जाएगा जिन्होंने इकसे वितरण के लिये अनिवार्य शर्तों को पूरा किया है। वैक्सीन के घाना पहुंचने की पुष्टि होने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस इसका स्वागत किया है।
साथ ही कोवैक्स पहल के अन्य साझीदार संगठनों, वैक्सीन अलायन्स और महामारी से मुक़ाबले की तैयारी के लिये गठबंधन ने भी पर खुशी का इजहार किया है। संगठन के प्रमुख की तरफ से कहा गया है कि इस वर्ष के पहले सौ दिनों में जरूरतमंदों को वैक्सीन लगाने के लक्ष्य को पाने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये महामारी तब तक खत्म नहीं हो सकती है जब तक इसका हम अंत नहीं कर देते। उन्होंने ये भी कहा कि ये केवल अभी शुरुआत है। इस पर काफी काम करने की जरूरत है।
कॉलिशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेयरर्डनेस इनोवेशन की प्रमुख डॉक्टर रिचर्ड हैचेट ने इस मौके पर कहा कि रिकॉर्ड समय पर हमारे सामने कोरोना की कारगर वैक्सीन मौजूद है। उन्होंने ये भी कहा कि ये तेजी से अपने प्रकार बदल रहा है। इसका संक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए इसका अनुमान लगाना भी कठिन हो रहा है। इसलिए ये जरूरी है कि मानवता की रक्षा के लिए जो वैक्सीन तैयार की जा चुकी हैं उन्हें देशों को भी उपलब्ध करवाया जाए, जिससे इस महामारी का प्रचार प्रसार रोका जा सके। GAVI के प्रमुख डॉक्टर सेट बर्कले नभी इसको एक एतिहासिक लम्हा करार दिया है। उन्होंने सरकारों और व्यवसायों का आहवान किया कि इस वायरस को जल्द से जल्द हराना होगा।