नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। हालांकि, इसे लेकर यादव की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। कांग्रेस ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब राष्ट्रीय जनता दल के नेता ने पार्टी की क्षमता पर सवाल उठा दिए थे। साथ ही कहा था कि जहां क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, वहां कांग्रेस को दूसरे नंबर की भूमिका निभानी चाहिए।
तेजस्वी ने कांग्रेस को क्या दी थी सलाह
हाल ही में तेजस्वी ने कांग्रेस के विपक्षी नेता होने की भूमिका पर सवाल उठाए थे। साथ ही उन्होंने सलाह दी थी कि कुछ राज्यों में कांग्रेस को बैक सीट पर चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘कांग्रेस को वहां सीटों पर लड़ना चाहिए था, जहां वह भाजपा के साथ सीधी जंग में है। लेकिन बिहार जैसे जहां क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, वहां उन्हें हमें ड्राइविंग सीट दे देनी चाहिए।’
नीतीश कुमार को भी मिला न्यौता
खबर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस तरह का न्यौता मिला था। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि नेता पदयात्रा में शामिल होंगे या नहीं। अगस्त में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस से अलग होकर महागठबंधन की सरकार बनाने वाले कुमार अब पार्टियों को भाजपा के खिलाफ लामबंद करते नजर आ रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पीएम उम्मीदवारी को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थीं।
कांग्रेस भी अड़ी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का यात्रा को लेकर कहना है, ‘अगर नतीजा विपक्षी एकता है, तो यह अच्छा है और हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन हमारी प्राथमिकता पार्टी संगठन को मजबूत करने की है।’ तेजस्वी को दिए न्यौते को लेकर माना जा रहा है कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को अपने नेतृत्व के साथ एकजुट करना चाहता है। कहा जा रहा है कि इसके जरिए कांग्रेस यह भी साबित करने की कोशिश में है कि राहुल गांधी को उनकी पार्टी के बाहर भी स्वीकार किया जा रहा है।