लखनऊ। हेटी स्पीच के मामले में सपा नेता आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. गुरुवार को ही रामपुर कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी. अनुमान पहले से लगाया जा रहा था कि आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी क्योंकि उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई थी.
जिस मामले में आजम खान को ये सजा हुई है,वो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है. कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया है.
आजम खान के पास क्या विकल्प?
वैसे आजम खान के पास अभी कुछ विकल्प मौजूद हैं. वे रामपुर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ निचली अदालत में जा सकते हैं. अगर वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिलती है तो वे हाई कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं. खुद आजम खान भी जोर देकर कह रहे हैं कि उनके पास कई विकल्प मौजूद हैं. उन्होंने कोर्ट की सजा के बाद कहा था कि ये अधिकतम सजा सुनाई थी. बेल अनिवार्य प्रावधान है. इसलिए बेल पर हूं. लेकिन मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं. ये पहला चरण है. अभी कानूनी रास्ते खुले हैं. बहुत सारे विकल्प हैं. आगे सेशन कोर्ट जाएंगे. सारा जीवन ही संघर्ष का है.
पहले भी जेल जा चुके आजम
आजम खान वैसे कोई पहली बार जेल नहीं जाने वाले हैं. इससे पहले वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से कब्जा करने वाले मामले में भी आजम को दो साल तक फूलपुर जेल में रहना पड़ा था. उस मामले में कुछ समय के लिए उनके बेटे को भी जेल की सजा हुई थी. अब उस मामले में तो जमानत मिल गई, लेकिन इस दूसरे केस ने एक बार फिर उन्हें बुरी तरह फंसा दिया है. आजम के लिए बड़ा सियासी झटका ये भी है कि अब वे 9 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. तीन साल की तो उनकी कैद रहेगी, वहीं फिर आगे 6 साल तक वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, ऐसे में 9 साल तक वे चुनावी मैदान से दूर हो जाएंगे. चुनाव आयोग द्वारा अब जल्द ही रामपुर सीट पर उपचुनाव भी करवाए जाएंगे.