नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर बहस छिड़ी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की डिग्री मांगी थी. केंद्रीय सूचना आयोग ने गुजरात यूनिवर्सिटी से दिल्ली के मुख्यमंत्री को पीएम मोदी की डिग्री से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था. गुजरात यूनिवर्सिटी ने इस आदेश के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट के जज जस्टिस बीरेन वैष्णव ने दिल्ली के सीएम पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया था.
अजित पवार ने ये भी कहा है कि देश के युवाओं के लिए रोजगार और महंगाई प्रधानमंत्री की अकादमिक डिग्री से अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अजित पवार ने विपक्ष की ओर से पीएम की डिग्री का मुद्दा उठाए जाने को लेकर सवाल पर कहा कि क्या 2014 में जनता ने उनको डिग्री देखकर वोट दिया था?
डिग्री नहीं, संसद में बहुमत महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि साल 2014 में मोदी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक करिश्मा किया था जो बीजेपी के पास नहीं था. अजित पवार ने कहा कि इसके लिए नरेंद्र मोदी साहेब को पूरा श्रेय दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिग्री का क्या है. हमारे लोकतंत्र में संसद के भीतर बहुमत महत्वपूर्ण है. जिसके पास 543 सीटों में बहुमत है, वही चीफ रहेगा.
राजनीति में डिग्री की जरूरत नहीं
अजित पवार ने आगे महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि कुल 288 में से जिसे 145-146 सीटें मिलेंगी, वही मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने कहा कि मेडिकल सेक्टर में प्रैक्टिस करने के लिए व्यक्ति को एमबीबीएस या कोई समकक्ष डिग्री चाहिए होती है लेकिन राजनीति में ऐसा कुछ नहीं है. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कह कि नरेंद्र मोदी नौ साल से देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. अजित पवार ने कहा कि घरेलू गैस सिलेंडर और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस पर कोई भी व्यक्ति चर्चा करना नहीं चाहता. उन्होंने युवाओं से जुड़े मुद्दों, अलग-अलग सरकारी विभागों में रिक्त 75 हजार सीटों पर भर्तियों के साथ ही किसान और मजदूर से जुड़े मुद्दों की भी चर्चा की और कहा कि मुझे नहीं लगता कि इन सबसे अधिक डिग्री के मुद्दे को महत्व देने की जरूरत है.
संजय राउत ने पीएम पर किया था तंज
गौरतलब है कि अजित पवार का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब उनकी ही पार्टी के गठबंधन सहयोगी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी डिग्री मामले में पीएम को घेरा था. संजय राउत ने कहा था कि प्रधानमंत्री को अपनी अकादमिक योग्यता के संबंध में जानकारी देने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने तंज करते हुए ये भी कहा था कि पीएम की डिग्री को संसद भवन के प्रवेश द्वार पर लगा देना चाहिए.