लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने कुछ समय पहले प्रदेश के टॉप मोस्ट 66 अपराधियों और माफियाओं की सूची जारी की थी। इनमें कई जेलों में बंद थे तो कुछ फरार थे। यह सूची अब संशोधित हो रही है। इन 66 अपराधियों में से पांच का दो महीने के अंदर अंत हो चुका है। कोई मुठभेड़ में मारा गया तो किसी की हत्या कर दी गई। एक दिन पहले ही हरदोई जेल में कुख्यात अपराधी खान मुबारक की मौत हो गई। खान मुबारक का नाम भी कम कर दें तो संख्या और कम हो जाएगी।
एक अधिकारी का कहना है कि 66 माफियाओं और अपराधियों की सूची में पांच नाम कम कर दिए गए हैं। अब इनकी संख्या 61 रह गई है। यह पांचों अपराधी 12 अप्रैल के बाद से अलग-अलग परिस्थितियों में मारे गए या एनकाउंटर में ढेर हो गए।
एक अधिकारी ने कहा कि पिछले दो महीनों में अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद खान सहित तीन अन्य और उनके करीबी मोहम्मद गुलाम को मार गिराया गया है। यह लोग 24 फरवरी को प्रयागराज में हुई वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस गार्डों की सनसनीखेज हत्या में वांछित थे। 13 अप्रैल को झांसी में असद और गुलाम को मार गिराया गया था। एक अन्य अपराधी मोनू चौधरी को पुलिस ने 2 जून को मुरादनगर, गाजियाबाद में मार गिराया था।
छह अब भी फरार, बद्दो का नाम सबसे ऊपर
टॉप अपराधियों में से छह पिछले कई महीनों से फरार हैं। उनमें से सबसे बड़ा नाम मेरठ के बदन सिंह उर्फ बद्दो का है। बद्दो 28 मार्च को गाजियाबाद की अदालत में पेश होने के बाद फर्रुखाबाद जेल ले जाने के दौरान पुलिसकर्मियों को नशीला पदार्थ खिलाकर मेरठ के एक होटल से पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। 26 मई 2019 को राज्य सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम को ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया था।
20 अपराधी जमानत पर जेल से बाहर
इसके अलावा कम से कम 20 अपराधी जमानत लेकर जेल से बाहर हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से किसी आपराधिक गतिविधि में इनका नाम सामने नहीं आया है। इनमें पांच प्रयागराज निवासी जाबिर हुसैन, कमरुल हसन, गणेश यादव, राजेश यादव व बच्चू पासी का नाम है। चार गोरखपुर निवासी राजन तिवारी, विनोद कुमार उपाध्याय, सुधीर कुमार सिंह व राकेश यादव शामिल हैं।