पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव से जुड़ा संदेहास्पद मामला सामने आया है. यहां एक ऐसा बूथ है जिसके लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था, बावजूद इसके वहां 95 फीसदी वोटिंग हुई है. अब हाईकोर्ट ने इसपर सवाल उठाए हैं और संबंधित अधिकारियों को जवाब-तलब किया है. अब बंगाल के डीजीपी को इसकी जांच सौंपी गई है.
दरअसल, पूर्व मंत्री गौतम देव के बेटे सप्तऋषि देव ने इस मामले को कोर्ट में उठाया था. उन्होंने याचिका दायर करके फर्जी वोटिंग की आशंका जताई थी. आरोप लगाया गया था कि लिखित शिकायत के बावजूद प्रदेश चुनाव आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया. इसपर मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस अमृता सिन्हा ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजी) और आईजी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
बंगाल पंचायत चुनाव के नतीजे क्या थे?
हिंसा के बीच हुए पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में टीएमसी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दूसरे नंबर पर रही. पश्चिम बंगाल में 63229 ग्राम पंचायत हैं. इसमें से 38419 से ज्यादा पर TMC जीती. पिछले चुनाव में टीएमसी को 38118 सीटों पर जीत मिली थी.
वहीं बीजेपी जिसने पिछले चुनाव में बस 5779 सीट जीती थीं, वहीं इस बार उसके खाते में 13183 से ज्यादा सीट आईं.
पंचायत चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन था. दोनों दलों की सीटें बढ़ी हैं. लेफ्ट ने 2018 चुनाव में 1713 के मुकाबले अबकी 6400 से अधिक ग्राम पंचायतें सीटें जीतीं. कांग्रेस को भी पिछले चुनाव में 1066 के मुकाबले अबकी 3100 से अधिक सीटें मिलीं.
चुनाव वाले दिन 19 लोगों ने गंवाई जान
बंगाल के पंचायत चुनाव में खूब रक्तपात हुआ था. वोटिंग वाले दिन 24 घंटे के अंदर 19 लोगों की हत्या हो गई थी. इसके अलावा बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं भी सामने आई थी. कई जगह गोलीबारी, आगजनी भी हुई थी.