लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मारे जा चुके माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. आरोपी वकील लखनऊ के होटल हयात में माफिया की बेनामी प्रॉपर्टी की डील करने के लिए ठहरा हुआ था. पुलिस ने आरोपी से 12 करोड़ रुपए की कीमत की प्रॉपर्टी के कागजात बरामद किए हैं. हालांकि, होटल में विजय मिश्रा के साथ मौजूद अशरफ की बीवी जैनब मौके से फरार होने में कामयाब हो गई.
मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में जिस बेनामी संपत्ति की डील से 12 करोड़ रुपए मिलते, उस रकम को जैनब और शाइस्ता तक पहुंचाना वकील विजय मिश्रा का असल मकसद था. पता चला है कि इस रकम की मदद से अशरफ और अतीक की बेगम विदेश भागने की फिराक में थीं.
जल्दी ही प्रॉपर्टी को अटैच करेगी पुलिस
पुलिस की ओर से बताया गया कि माफिया अतीक अहमद के खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत एक केस दर्ज हुआ था. इस केस की जांच के दौरान आरोपी की प्रॉपर्टी का संज्ञान लिया गया. पुलिस को पता चला कि गैंगस्टर अतीक ने अपराध जगत में कदम रखने के बाद तहसील सदर के कटहुला गौसपुर गांव में एक गरीब आदमी के नाम से 23 हजार 447 वर्ग मीटर जमीन खरीदी थी. मौजूदा समय में माफिया अतीक की बेनामी प्रॉपर्टी की कीमत ₹12 करोड़ 42 लाख 69 हजार है. अब इस प्रॉपर्टी को जब्त करने के लिए पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज को रिपोर्ट भेजी गई है.
यूपी पुलिस ने अतीक की बेनामी संपत्ति के कागजात बरामद किए हैं. इसी संपति की डील अतीक का वकील विजय मिश्रा और अशरफ की पत्नी जैनब लखनऊ में कर रहे थे.
पुलिस सूत्रों की मानें तो प्रयागराज के ही एक सफेदपोश नेता के जरिए बेनामी प्रॉपर्टी की डील होनी थी. पूछताछ में विजय मिश्रा से पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं.
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद वकील विजय मिश्रा लगातार फरार चल रही शाइस्ता (अतीक की बीवी) और जैनब (अशरफ की बीवी) के संपर्क में था. उसकी दोनों महिलाओं से मुलाकातें तक हो रही थीं.
विजय मिश्रा पर आरोप है कि उसने उमेश की लोकेशन शूटर को दी थी और वह जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से लगातार संपर्क में था.
सूत्रों के मुताबिक, विजय मिश्रा लखनऊ के हयात होटल में किसी महिला के साथ रुका था. महिला के अतीक परिवार से जुड़े होने की खबर है जिसकी पहचान की जा रही है.
इसके अलावा, विजय मिश्रा उस अस्पताल के आसपास भी मौजूद था, जहां अतीक और अशरफ को गोली मारी गई थी. विजय मिश्रा पर अतीक के नाम पर रंगदारी मांगने की एफआईआर भी दर्ज है.
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
बता दें कि बदमाशों ने बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल पर 24 फरवरी को गोलीबारी कर दी थी. उमेश पाल गाड़ी से निकलकर जब अपने घर की ओर भागे, तब बदमाशों ने उनको निशाना बनाकर बम भी फेंके थे.
उमेश पाल और दो गनर की हुई थी हत्या
इस हमले में गंभीर रूप से घायल उमेश पाल और उनके दो गनर को आसपास के लोगों ने इलाज के लिए तत्काल स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल पहुंचाया जहां उपचार के दौरान तीनों की मौत हो गई थी. उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद का नाम सामने आया था. अतीक अहमद और अशरफ अहमद पर उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा था.
मारे जा चुके कई आरोपी
उमेश पाल की हत्या के अगले उनकी पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद, अतीक की पत्नी शाइस्ता, बेटे असद के साथ ही शूटर अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर के खिलाफ केस दर्ज किया था. इनमें से अतीक और अशरफ समेत छह आरोपी मारे जा चुके हैं. शाइस्ता, गुड्डू मुस्लिम और जैनब समेत अन्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.