समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ‘ब्राह्मण धर्म’ को मानने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे ही ‘हिंदू धर्म’ मानती है, जबकि ‘हिंदू धर्म’ कोई धर्म ही नहीं है। मौर्य ने कहा कि भाजपा आदिवासियों, दलितों और अन्य पिछड़ा वर्गों को हिंदू नहीं मानती है और केवल ब्राह्मणों को ही हिंदू धर्म से जोड़कर देखती है। मौर्य ने पीटीआई-भाषा को फोन पर दिए साक्षात्कार में भाजपा-नीत ‘एनडीए’ को ‘नन-डेमोक्रैटिक एलायंस’ (गैर-लोकतांत्रिक गठबंधन) की संज्ञा देते हुए कहा कि विपक्ष का गठबंधन ‘इंडिया’ आगामी आम चुनाव में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करेगी।
मौर्य उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से एक माह पहले समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये थे। उन्होंने पिछले रविवार को भी भाजपा पर ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया था। मौर्य ने तब लखनऊ में संवाददाताओं से कहा था, वे (भाजपा) हर मस्जिद में एक मंदिर ढूंढ रहे हैं। यह उन्हें महंगा पड़ेगा, क्योंकि तब लोग हर मंदिर में एक बौद्ध मठ खोजना शुरू कर देंगे। जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष का गठबंधन इंडिया भाजपा को हराने के लिए पूर्व में बनाए गए अन्य क्षेत्रीय गठबंधनों से कैसे अलग होगा, इस पर मौर्य ने कहा कि (विपक्ष का) गठबंधन अलग होगा, क्योंकि यह बिखरने वाले वोटों को इकट्ठा करेगा।
उन्होंने कहा कि हाल ही में विधायक पद से इस्तीफा देकर सपा से भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान एक अपवाद हैं। मौर्य की बेटी एवं भाजपा की लोकसभा सदस्य संघमित्रा मौर्य के उस हालिया बयान पर कि वह अपने पिता को भाजपा में वापस लाने की कोशिश करेंगी। वरिष्ठ सपा नेता ने कहा कि उनकी बेटी अब भी राजनीति में एक नौसिखिया है और अपने पिता के बारे में बहुत कम जानती है।