उत्तर प्रदेश के ललितपुर में अंधविश्वास का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक युवक ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में जाकर पेड़ काटने वाली मशीन से अपनी गर्दन काट ली. सूचना मिलते ही परिजन वहां पहुंचे और आनन-फानन में गंभीर हालत में युवक को इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए. बताया जा रहा है, उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.
घटना रघुनाथपुरा गांव की है. यहां रहने वाले पलटूराम कुशवाहा का बेटा दीपक कुशवाहा (उम्र 30 साल) मजदूरी कर अपना और परिवार का भरण पोषण करता है. पिता पलटूराम के मुताबिक, दीपक के दो बच्चे हैं. दीपक भगवान भोलेनाथ का भक्त है. वह काफी समय से भगवान भोलेनाथ की सुबह-शाम पूजा करता था. पिछले कुछ महीनों से वह कह रहा था कि अपनी गर्दन काटकर वह भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करेगा.
उन्होंने दीपक को काफी समझाया, लेकिन वह समझने को तैयार नहीं था. वह एक नोटबुक में भगवान भोलेनाथ से जुड़े मंत्र और बातें लिखता था. इस नोट बुक में एक जगह लिखा कि भगवान भोलेनाथ को शीश अर्पित करेगा. मंगलवार की सुबह करीब 4 बजे वह गांव के मंदिर गया. वहां उसने पेड़ काटने वाली मशीन से भगवान भोलेनाथ के चबूतरे के समक्ष गर्दन काट ली और जयकारा लगाने लगा.
ग्रामीणों ने दी परिवार को जानकारी
इस दौरान घूमने गए ग्रामीणों ने दीपक की आवाज सुनी और मंदिर में जाकर देखा, तो दीपक खून से लथपथ पड़ा हुआ था. जानकारी होते ही परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में उपचार के लिए उसे झांसी मेडिकल कालेज ले गए. वहीं दीपक के चाचा प्रसादी का कहना है कि भतीजा बोलता था कि हमें भगवान शंकर जी का दर्शन करना है. गर्दन काटते समय वह बोल रहा था जय शंकर भगवान.
युवक की हालत काफी है नाजुक- डॉक्टर
वहीं इस मामले में मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सचिन माहुर ने बताया कि दीपक कुशवाहा नाम के लड़के को भर्ती किया गया है. उसकी उम्र 28 से 30 साल है. वह ललितपुर से यहां आया है. युवक ने खुद ही किसी औजार से अपनी गर्दन काफी हद तक काट ली है. उसकी हालत काफी नाजुक है. अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा.