Article 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए लेक्चरर जफूर अहमद भट्ट को निलंबित करने का मामला तूल पकड़ रहा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार से सवाल पूछा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने लेक्चरर के इस समय पर निलंबन पर सवाल उठाए हैं। भट्ट बीते सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश हुए थे।
मेहता ने कहा, ‘मैंने अखबारों में पढ़ने के बाद इसकी जानकारी जुटाई है। अखबारों में जो कहा जा रहा है वो शायद पूरा सच नहीं हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘कुछ और भी मुद्दे हैं। वह कई अदालतों में पेश हुआ है और कुछ और मुद्दे भी हैं। हम इसे कोर्ट के सामने पेश कर सकते हैं।’ इसपर सिब्बल ने कहा, ‘तो फिर उसे पहले ही सस्पेंड किया जाना था, पर अब क्यों? यह ठीक नहीं है। यह लोकतंत्र के काम करने का तरीका नहीं होना चाहिए।’
क्या बोले सीजेआई?
सीजेआई ने कहा, ‘कोई व्यक्ति जो इस कोर्ट के सामने पेश हुआ है, वह सस्पेंड हो गया है…।’ उन्होंने एजी आर वेंकटरमणी से इस मामले की जांच करने के लिए कहा है। CJI ने कहा, ‘उपराज्यपाल से बात कीजिए और देखिए कि क्या हुआ है। अगर इससे कुछ अलग है, तो और बात है। लेकिन यह सब मामले में पेश होने के थोड़े समय बाद ही क्यों हुआ।’
संवैधानिक बेंच में शामिल जस्टिस कौल ने कहा कि इस मामले में टाइमिंग ठीक नहीं है। साथ मौजूद जस्टिस गवई ने भी सवाल पूछा, ‘इतनी आजादी का क्या हुआ?’
भट्ट ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तरीके पर सवाल उठाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह छात्रों को भारतीय संविधान और लोकतंत्र की बातें बताने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया, ‘जब हम जम्मू और कश्मीर के हमारे छात्रों को इस संविधान के सिद्धांत और को पढ़ाने के लिए जाते हैं, तो यह मेरे जैसे शिक्षकों के लिए काफी चुनौती है। छात्र कई बार बड़े मुश्किल सवाल पूछते हैं, जैसे क्या हम अगस्त 2019 को जो हुआ, उसके बाद भी लोकतंत्र में हैं। इसका जवाब देना मेरे लिए काफी मुश्किल हो जाता है।’