हरियाणा के नूहं जिले में 31 जुलाई को हुई साम्प्रदायिक हिंसा के एक और आरोपित को पुलिस ने बुधवार (30 अगस्त 2023) को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित का नाम वसीम उर्फ़ टीटा है। वसीम पर आरोप है कि उसने नलहड़ मंदिर और साइबर थाने पर हमला करने वाली भीड़ का नेतृत्व किया था।
पेशे से भारी वाहन ड्राइवर पूछताछ में वसीम ने ‘0011’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप की भी जानकारी दी है जिसे बजरंग दल वालों पर हमले की तैयारी के लिए बनाया गया था। हमलावरों ने साइबर थाने को उड़ाने की भी साजिश रची थी। वसीम ने ही वह बस भी लूटी थी जिससे साइबर थाना पर अटैक किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वसीम उर्फ़ टीटा 31 जुलाई को हुई नूहं हिंसा के बाद से फरार चल रहा था। उसके अब्बा को लोग अफीमी नाम से जानते हैं। वसीम नूहं सदर थानाक्षेत्र के फ़िरोज़पुर नमक गाँव का रहने वाला है। हिंसा के दौरान वसीम पर झंडा चौक, अडबर चौक, नल्हड़ मन्दिर रोड व थाना साइबर क्राइम नूहं में तोड़फोड़ करने के साथ लूटपाट, पुलिस फोर्स पर हमला और आगजनी जैसी वारदातों को अंजाम देने के आरोप लगे थे। 30 अगस्त को पुलिस को वसीम के चोरी-छिपे गाँव आने की सूचना मिली थी। पुलिस ने दबिश दे कर आरोपित को उसके गाँव से दबोच लिया।
गिरफ्तारी के बाद वसीम को अदालत में पेश किया गया जहाँ से उसे 3 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि पूछताछ में वसीम ने हिंसा में शामिल अपने साथियों के नाम के साथ 0011 नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप की भी जानकारी दी है।
पुलिस की अब तक हुई जाँच में यह भी सामने आया है कि हमलावरों की हरकत आवेश में नहीं बल्कि सोची समझी तैयारी के तहत थी। बता दें कि साइबर थाने को उड़ाने के लिए एक बस का भी इंतजाम किया गया था। इसी बस में अलग-अलग गाँवों से हमलावरों को जमा किया गया था।
ऑपइंडिया की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान पीले रंग की यह बस उस समय भी थाने के पास खड़ी है। बस के साइड में अशोक और सामने शुभ लाभ के साथ ऊपर जय बाबा हरीदास की लिखा हुआ है। बस के सभी खिड़की-दरवाजे के काँच टूटे हुए मिले। हमारी ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान साइबर थाने की वो दीवाल भी टूटी दिखी थी जहाँ बस को भिड़ाया गया था। बताया जाता है कि मास्टरमाइंड वसीम ने ही साइबर थाना की दीवाल पर बस से टक्कर मारी थी। हालाँकि, हिंसा के बाद वह ट्रक ड्राइवर बनकर चेन्नई भाग गया था।
0011 व्हाट्सएप ग्रुप में एक हिट लिस्ट की भी चर्चा हुई थी जो हिंसा के दौरान साजिशकर्ताओं के प्रमुख टारगेट थे। इस लिस्ट में न सिर्फ हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता थे बल्कि उन जगहों का भी नाम था जहाँ भीड़ को तोड़फोड़ और आगजनी करनी थी। फिलहाल वसीम से हुई पूछताछ के आधार पर सामने आए अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस जुट गई है।