नई दिल्ली। कोरोना से जूझने के बाद अब दुनिया अपने रास्ते पर वापसी कर रही है। वहीं ठंड बढ़ते ही एक बार फिर कोरोना के एक बार फिर बढ़ने का खतरा नजर आ रहा है। बीते कुछ सप्ताह में अमेरिका में कोरोना संक्रमति लोगों के हॉस्पिटलाइज होने के मामले बढ़े हैं। 11 नवंबर तक एक सप्ताह में ही यूएस में 16239 लोग अस्पताल में भर्ती हुए। इस तरह से कोरोना के मामलों में 8.6 फीसदी की उछाल देखी गई है। सीडीसी के मैप के मुताबिक अमेरिका के 14 प्रांतों में करोना का प्रकोप बढ़ रहा है।
अमेरिका में जून के बाद सितंबर तक भी कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। हालांकि अक्टूबर में इसकी रफ्तार थमी हुई थी। अब भी पिछले साल की जनवरी की तुलना में कोरोना के मामले कम हैं। बीते साल जनवरी में 150,600 मरीज सामने आए थे। वहीं जानकारों का कहना है कि जिन इलाकों में ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती नहीं हो रहे हैं, वहां भी कोरोना के मामले बढ़े हैं लेकिन इनका पता नहीं लगाया जा सका है।
अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर सख्ती की जा सकती है। इसी तरह चीन में भी बढ़ती सर्दी के बीच कोरोना चुनौती बना हुआ है। यहां चेतावनी दी गई है कि लोग जल्द से जल्द टीकाकरण करवा लें. । अक्टूबर महीने में चीन में 24 लोगों की कोरोना से जान चली गई। बताया गया कि यह कोरोना का एक्सएक्सबी वैरिएंट था। यह वैरिएंट सर्दी के मौसम में ज्यादा ऐक्टिव होता है। यह भी कहा जाता है कि चीन में कोरोना के जो टीके विकसित किए गए उनका प्रभाव कम है.
भारत की बात करें तो यहां कोरना की रफ्तार थमी हुई है। 24 घंटे में कोरोना के 16 से 20 मामले ही सामने आ रहे हैं। बता दें कि कोरोना की लहरों में कम से कम देश में 5.33 लाख लोगों की मौत हो गई थी। फिलहार एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में कोरोना का खतरा नहीं है। मौसम के अनुसार खांसी बुखार में बढ़ोतरी देखी गई है लेकिन कोरोना का खतरा नहीं है।