शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जेल की हवा खा रहे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर AAP (आम आदमी पार्टी) के एक अन्य पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से जेल में हैं। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED का समन मिला है, लेकिन वो पूछताछ के लिए उपलब्ध होने में असमर्थता जता कर विपश्यना के लिए निकल गए हैं। अब दिल्ली सरकार एक और घोटाले में फँसी है। उप-राज्यपाल VK सक्सेना ने दवा घोटाले में CBI जाँच के आदेश दिए हैं।
आरोप है कि सरकारी अस्पतालों में दवा खरीद के मामले में नियमों की अनदेखी की गई और घोटाला हुआ। दिल्ली के अस्पतालों के लिए खरीदी गई दवाओं में बड़ी गड़बड़ी हुई है। न सिर्फ खरीद में लापरवाही बरती गई, बल्कि सरकारी एवं प्राइवेट लैब में जब इनकी टेस्टिंग की गई तो उसमें भी ये फेल साबित हुए। सतर्कता विभाग ने इस संबंध में LG के पास रिपोर्ट भेजी थी, जिसके बाद सीबीआई जाँच का आदेश दिया गया। ये दवाएँ तय मापदंडों पर खड़ी नहीं उतरीं।
उप-राज्यपाल विजय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को भी पत्र लिख कर जाँच करने के लिए कहा है। 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में उससे पहले लगातार घोटालों का सामने आना केजरीवाल सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। उधर 19 जनवरी तक मनीष सिसोदिया और 10 जनवरी तक संजय सिंह की हिरासत की अवधि अदालत ने बढ़ा दी है। यानी, दोनों नेताओं का नया साल सलाखों के पीछे ही मनेगा।
LG ने ये भी आदेश दिया है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों से नकली दवाएँ हटाई जाएँ। भाजपा नेता हरीश खुराना ने AAP सरकार पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। कितने मरीजों पर बुरा असर पड़ा और कब से ये सब चल रहा था, इसका जवाब उन्होंने सरकार से माँगा है। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने याद दिलाया कि कैसे मोहल्ला क्लिनिक में भी बच्चों को दी गई दवाएँ जानलेवा साबित हुई थीं। वहीं RP सिंह ने कहा कि जल बोर्ड से लेकर DTC बसों तक, हर जगह दिल्ली में घोटाले हो रहे हैं।