लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दल अपनी बिसात बिछाने में जुट गए है। इसी क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी अपनी तैयारियों को जोर देना शुरू कर दिया है। NDA का हिस्सा बनी सुभासपा ने 2024 लोकसभा चुनाव में कुल 5 लोकसभा सीटों पर चुनाव की इच्छा जाहिर की है। इसमें यूपी की तीन और बिहार की दो सीट शामिल है। उधर सुभासपा के एक दावे ने मोदी सरकार में मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय की मुश्किलें बहुत हद तक बढ़ा दी है। बता दें ओपी राजभर के मंत्री बनने में हो रही देरी को लेकर सुभासपा अब अपने प्लान बी पर भी काम कर रही है।
दरअसल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के लगातार प्रयासों के बाद भी मंत्री बनने की संभावनाएं दिन पर दिन कम होती ही जा रही है। इसको देखते हुए अब सुभासपा ने प्लान बी पर भी काम करना शुरू कर दिया है। इसी को लेकर अब यह चर्चा भी जोरों पर होने लगी है कि ओपी राजभर इस लोकसभा चुनाव में यूपी की चंदौली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उधर सुभासपा ने यूपी की जिन तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोका है, उसमें चंदौली लोकसभा सीट भी शामिल है।
ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि ओम प्रकाश राजभर चंदौली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि चंदौली सीट पर हमारे साढ़े तीन लाख वोटर हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय की मुश्किलें बढ़ना तय मानी जा रही है। क्योंकि मोदी सरकार में मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय उत्तर प्रदेश की चंदौली से लोकसभा सांसद है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रहे महेंद्र नाथ पांडेय ने 2014 और 2019 लोकसभा बीजेपी के टिकट पर लड़ा था, दोनों ही चुनावों में महेंद्र नाथ पांडेय ने जीत दर्ज की था।
महेंद्र नाथ पांडेय की सीट पर दावा
चंदौली से बीजेपी सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को मोदी सरकार में भारी उद्योग मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या बीजेपी अपने मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय का टिकट काटकर चंदौली सीट अपने सहयोगी सुभासपा को देगी या नहीं। अगर यह सीट सुभासपा के खाते में जाती है तो फिर क्या महेंद्र नाथ पांडेय को किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ने का मौका देगी या नहीं। सुभासपा के चंदौली सीट से चुनाव लड़ने के दावे के बाद अब ये सवाल भी उठने लगे हैं।
हालांकि ना ही योगी मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा है ना ही ओपी राजभर के मंत्री बनने पर कोई आधिकारिक पुष्टि ही हो रही है। वहीं राजभर के मंत्री ना बनाए जाने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। इसमें से एक पिछले विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दिए गए जुबानी हमले बताए जा रहे हैं।