राकेश यादव
लखनऊ। योगी सरकार की नौकरशाही को घोटालेबाजी के दोषी और दागदार अफसर रास आ रहे हैं। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन सच है। चीनी निगम में करोड़ों का घोटाला करने वाले दोषी अधिकारी को एक बार फिर तीन माह का संविदा विस्तार देने की तैयारी है। रिटायरमेंट के बाद अक्टूबर माह से अस्थाई नियुक्ति पाकर कमाऊ सीट पर बैठा हुआ है। इस अधिकारी की अस्थाई नियुक्ति का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
संविदा पर कार्यकाल बढ़ाए जाने का यह मामला विभागीय अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हकीकत यह है कि चहेते अफसरों के लिए इस विभाग में नियम और कानून कोई मायने नहीं रहता है।
मिली जानकारी के मुताबिक चीनी निगम में बसपा सरकार के समय चीनी मिलों की बिक्री को लेकर सुर्खियों में रहे अधिकारी एस के मेहरा बीती 30 सितंबर को सेवा निवृत्त हो गए। सेवा निवृत्त होने के अगले ही दिन उन्हें तीन माह के लिए संविदा पर अस्थाई नियुक्ति दे दी गई। अक्टूबर माह में ही उन्होंने फिर से निगम में रहते हुए पुराने पदों पर काम शुरू कर दिया। बताया गया है कि चीनी निगम से सेवानिवृत्त होने के पूर्व में उनके पास जो प्रभार थे उन्हीं प्रभारों के साथ सेवा विस्तार दिया गया।
वर्तमान समय में इस अधिकारी के पास महाप्रबंधक परियोजना, कार्मिक, वित्त के साथ कंपनी सचिव के अलावा जिन जगहों पर महाप्रबंधक नहीं है वह प्रभार भी इन्ही के पास हैं।
सूत्र बताते है कि संविदा पर तीन माह का सेवाविस्तार पाए चीनी निगम के पांच महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार संभाल रहे एसके मेहरा का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। सूत्रों की माने तो इस अधिकारी का सेवा विस्तार बढ़ाने की तैयारी अंतिम चरण में है। निगम में अधिकारियों की कमी होने का हवाला देते हुए इस अधिकारी के सेवाविस्तार दिए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस सेवा विस्तार की आगामी चीनी निगम बोर्ड की बैठक में मोहर लगने की चर्चा है। निगम में करोड़ों का घोटाला करने वाले इस अधिकारी को अगले तीन माह का सेवा विस्तार दिए जाने की संभावना है। उधर निगम के अधिकारी इस मसले को शासन का मामला बताते हुए कोई भी टिप्पणी करने से बच रहे हैं।
एक के पास पांच, तो दो वरिष्ठों के पास एक ही प्रभार
चीनी निगम अफसरों की कमी बताकर भ्रष्टाचारी अफसरों को संविदा पर लगातार सेवा विस्तार दे रहा है। हकीकत यह है कि निगम, नियुक्त अफसरों से काम नहीं ले पा रहा है। एक अधिकारी को पांच प्रभार तो दो अन्य अफसरों को एक ही प्रभार दे रखा है। बीते माह सेवानिवृत आईएएस शिवाकांत दिवेदी को सवा लाख प्रतिमाह पर निगम में विधि सलाहकार का काम सौंपा गया है। यह काम पहले से ही सेवानिवृत विशेष सचिव नरेश बहादुर देख रहे हैं। एक सेवानिवृत अधिकारी के पास पांच प्रभार तो दो वरिष्ठ अधिकारियों के पास एक ही काम है। अफसरों की कमी का यह हाल चीनी निगम का है।
सीएम को दी शिकायत में दोषी पाया गया अधिकारी
बीते दिनों पवन कुमार नाम के एक व्यक्ति द्वारा निगम में तैनात एस के मेहरा की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई। सीएम से मिलकर की गई इस शिकायत पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने इसकी जांच शासन के दो अधिकारियों को सौंपी। इसके साथ ही इसी मामले की जांच चीनी निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने संविदा पर तैनात अफसरों की दो सदस्यीय कमेटी से कराई। कमेटी ने जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी। वहीं दूसरी ओर शासन स्तर से हुई जांच में शिकायत को सच पाया गया है। जांच में दोषी पाए गए अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए आला अफसरों की तरफ से इसे संविदा पर सेवा विस्तार दिया जा रहा है। अब फिर से इसको सेवा विस्तार दिए जाने की तैयारी है।