दिल्ली-सरकार और एलजी के बीच एक के बाद एक कई कानूनी विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे हैं। शुक्रवार को ‘फरिश्ते योजना’ से जुड़ी अरविंद केजरीवाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को नसीहत दी कि वे हर मुद्दो को प्रतिष्ठा का सवाल ना बनाएं। कोर्ट ने एलजी का जवाब सुनने के बाद उनसे हलफनामा मांगा और कहा कि उनकी बात सच हुई तो आम आदमी पार्टी सरकार पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
नोटिस का जवाब देने के लिए एलजी की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन पेश हुए। उन्होंने बीआर गवई और संदीप मेहता की बेंच को बताया कि योजना में एलजी की कोई भूमिका नहीं है। इसका संचालन एक सोसायटी के माध्यम से किया जाता है जिसके मुखिया दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री हैं। सरकार और सोसायटी की बैठक के बाद फंड जारी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि एलजी को बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है।
इस पर जैन ने कहा कि ‘किसी ने भी किसी को धोखा नहीं दिया है और उम्मीद की है कि याचिकाकर्ता ने इस अदालत के मंच का इस्तेमाल किसी चीज को उत्तेजित करने के लिए किया है। यह चाय के प्याले में तूफान का एक क्लासिक उदाहरण है।’ वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि ‘यह योजना एक सोसायटी द्वारा संचालित थी और सोसायटी की हाल ही में 2 जनवरी को हुई बैठक में धनराशि जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे सभी लंबित दावों को जारी किया जाएगा।