विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की आज बड़ी वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन का भी अध्यक्ष बनाया गया। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को गठबंधन के संयोजक का पद ऑफर हुआ जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। संयोजक पद के प्रस्ताव पर नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। नीतीश के इनकार करने के बाद उनकी पार्टी ने गेंद कांग्रेस के पाले में फेंक दी। जदयू लीडर संजय झा ने कहा कि संजोयक का पद तो कांग्रेस को अपने पास रखना चाहिए।
संयोजक के पद को लेकर पहले से लग रहे थे कयास
पहले यह बताया जा रहा था कि जदयू नीतीश कुमार को संयोजक के पद पर देखना चाहता है, जिसका तृणमूल कांग्रेस विरोध कर रही है। मालूम हो कि डिजिटल बैठक आयोजित करने का इस तरह का यह दूसरा प्रयास रहा, क्योंकि कुछ दिन पहले किया गया प्रयास सफल नहीं हो पाया था। तृणमूल कांग्रेस के सूत्र ने कहा कि पार्टी को शुक्रवार शाम को बैठक के बारे में सूचित किया गया था, चूंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री कुछ पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, इसलिए वह इसमें शामिल नहीं हो सकेंगी। इससे पहले ममता बनर्जी ने खरगे के नाम का प्रस्ताव प्रधानमंत्री पद के लिए रखा था। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया था।
विपक्षी दलों की बैठक को लेकर भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रिया आने लगी है। असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘INDIA गठबंधन सीट शेयरिंग करे या ना करे इससे हमें क्या फर्क पड़ता है। हमें तो चुनाव लड़ना और जीतना है। उनको जो करना है करने दीजिए।’ गौरतलब है कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाया है जिसका मुख्य लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव में भगवा दल को सत्ता में आने से रोकना है। हालांकि, आज की बैठक में जिस तरह से ममता, ठाकरे और अखिलेश दूर रहे उससे कई सवाल खड़े होते हैं। साथ ही नीतीश के संयोजक का पद ठुकराने से भी गठबंधन की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। अब देखना होगा कि इंडिया का संयोजक पद किस नेता को मिलता है।