स्नेह भोज में पांच हजार लोगों ने मोटा अनाज से निर्मित विभिन्न व्यंजनों का उठाया लुफ्त।
एसआर ग्रुप के चेयरमैन एवं एमएलसी ने बताया-मोटा अनाज शारीरिक विकास के लिए आवश्यक।
लखनऊ। एसआर ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के चेयरमैन एवं MLC पवन सिंह चौहान ने रविवार को अपने जानकीपुरम स्थित आवास पर मोटा अनाज स्नेह भोज का कार्यक्रम किया। इस भोज में प्रदेश के गणमान्य पधारे।
मुख्य अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मत्स्य विकास मंत्री डॉ संजय निषाद, केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल कोरी, भाजपा नेता नीरज सिंह, अपर्णा यादव, महापौर सुषमा खर्कवाल, एकेटीयू के कुलपति प्रो जेपी पांडेय, एनयूजे उत्तर प्रदेश के संरक्षक प्रमोद गोस्वामी, के बख्श सिंह, सुरेंद्र कुमार दुबे, अजय कुमार, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना, प्रदेश कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान, प्रदेश प्रवक्ता डॉ अतुल मोहन सिंह, वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री, वरिष्ठ पत्रकार राज कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार नीरज श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार नवलकांत सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार बृजेश सिंह, वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश मयंक, वरिष्ठ पत्रकार अजय वर्मा
वरिष्ठ पत्रकार शिव शरण सिंह, अब्दुल वहीद, अजीज सिद्दीकी, श्यामल त्रिपाठी, मीनाक्षी वर्मा, मनीषा सिंह, संगीता सिंह, गरिमा सिंह, अभिनव श्रीवास्तव, अनुपम पांडेय, शिव सिंह चौहान, नागेंद्र सिंह, नीरज, जुबैर अहमद, परवेज अख्तर, परमजीत सिंह, अविनाश पांडेय, अनिल तिवारी, गुरमीत कौर, मो अतहर रजा, तौसीफ हुसैन, आरिफ मुकीम, नागेंद्र सिंह चौहान, अजय सिंह, वीर सिंह, मनीष वर्मा, अमित सिंह, पराक्रम चौबे, पीके यादव, अमित सिंह बाबा आदि प्रमुख थे। वागा हॉस्पिटल के डॉ वैभव सिंह, डॉ पल्लवी सिंह एवं एसआर ग्रुप के उपाध्यक्ष पीयूष सिंह चौहान, पत्नी निर्मला सिंह और बहू सुष्मिता सिंह ने अतिथियों की अगवानी की।
एमएलसी पवन सिंह चौहान (MLC Pawan Singh Chauhan) ने कहा कि जब भी अनाज की बात की जाती है, तो सबसे पहले हमारे जेहन में गेहूं, चावल और दाल का ख्याल आता है। वैसे तो गेहूं, चावल और दाल का इस्तेमाल लगभग सभी घरों में होता है और इन्हें खाने की परंपरा हमारे देश में पिछले कई दशकों से है। हालांकि, कई और ऐसे अनाज हैं जो कभी खूब चलन में थे, पर मौजूदा वक्त में ज्यादा नहीं है। मोटे अनाज इसी श्रेणी में आते हैं। जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू शामिल है।
उन्होंने कहा कि मोटे अनाज पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। हड्डियां मजबूत होती हैं। शरीर में कैल्शियम की पूर्ति, पाचन क्रिया मजबूत,वजन नियंत्रित करने में सहायक, रक्त की कमी होने की समस्या कम, डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद सहित हार्ट के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इस मोटा अनाज स्नेह भोज कार्यक्रम में पांच हजार लोगों ने स्वादिष्ट ज्वार, बाजरा, ज्वार, मड़ुआ, रागी, काकुन, कोंदो, सांवा, चना, मक्का, कंगनी से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ प्रशासन, मीडिया, सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक मौजूद दिखे।
एमएलसी पवन सिंह चौहान ने बताया कि सांस्कृतिक सहभोज का उद्देश्य पारंपरिक व्यंजनों का लोगों के बीच उपचारात्मक श्री अन्न के खाद्य पदार्थों का समाज में जागरूकता पहुंचाना था। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय खाद्य पदार्थों का सेवन करने की उद्देश्य को महत्व दिया जा सके। एमएलसी पवन सिंह चौहान ने आये सभी अतिथियों को अविस्मरणीय विनम्रता से उनका स्वागत कर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस दौरान राजनीति, सरकार, प्रशासन एवं मीडिया के करीब 5000 से अधिक अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर विद्यालय के समस्त कर्मचारी, निदेशक, प्राचार्य, आचार्य, स्टाफ इत्यादि उपस्थित रहे।