आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने 1.66 करोड़ से ज्यादा नाम वोटर रोल से हटा दिए हैं। वहीं रिवाइज लिस्ट में 2.68 करोड़ से ज्यादा लोगों के नाम शामिल भी किए गए हैं। इसके साथ ही 2024 में होने वाले आम चुनाव में वोट डालने के लिए योग्य मतदाताओं की स्ख्या 97 करोड़ हो गई है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 6 को छोड़कर बाकी राज्यों में मतदाताओं का रिवीजन किया गया है। असम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राज्सथान, मिजोरम और तेलंगाना को इससे अलग रखा गया है।
ऐडवोटेक अमित शर्मा ने चुनाव आयोग का हलफनामा कोर्ट में पेश किया। इसमें बताया गया कि 1 जनवरी 2024 तक कुल 2,68,86,109 नए वोटरों को जोड़ा गया है वहीं मृत्य, डुप्लिकेशन या फिर लोगों के कहीं और शिफ्ट होने की वजह से 1,66,61,413 नाम हटाए गए हैं। आयोग के पैनल की तरफ से बताया गया कि इस समय देश में 96,82,54,560 मतदाता लिस्टेड हैं। इनमें से 1.83 लोग 18 साल से 19 साल के एज ग्रुप के हैं जो कि पहली बार वोट डालेंगे।
वहीं चुनाव आयोग के हलफनामे के बाद एनजीओ की तरफ से सीनियर ऐडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने कोर्ट में कहा कि इस जवाब में यह नहीं पता लगता कि कितने नाम डुप्लीकेट थे जिन्हें डिलीट किया गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर की तरफ से जिला स्तर के चुनाव अधिकारियों को जारी किए जाने वाले दस्तावेज को पेश करते हुए कहा कि उसमें भी शिफ्ट हुए और मृत्यु का डेटा दर्ज था लेकिन उन लोगों के बारे में नहीं बताया गया था जिनके नाम डुप्लिकेट होने की वजह से हटाए गए।