न केंद्र जीता-न केजरीवाल हारे! पढ़ें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से किसे क्या मिला

नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच पिछले काफी समय से जारी जंग पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ ने कुल 6 मुद्दों पर अपना फैसला सुनाया है, लेकिन जिस मुख्य बिंदु पर हर कोई नजर गड़ाए बैठा था वह मामला अब भी लटका है. दिल्ली में केंद्रीय कैडर के अधिकारियों की ट्रांसफर- पोस्टिंग का मुद्दा अभी बड़ी बेंच के हवाले कर दिया गया है, यानी इस पर फैसला आना बाकी है.

6 मुद्दों से जुड़े विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से किसके हिस्से में क्या आया है और किस पक्ष ने बाजी मारी है, यहां समझें..

1.       अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ग्रेड 1, ग्रेड 2 लेवल के अधिकारियों का मसला केंद्र सरकार के पास और ग्रेड 3, ग्रेड 4 के अधिकारियों का मामला दिल्ली सरकार के पास रहेगा. दोनों जजों के बीच इस मुद्दे पर एक सहमति नहीं बन पाई है, यही कारण है कि इस मसले को बड़ी बेंच के हवाले कर दिया है. अब तीन जजों की बेंच इस मामले को सुनेगी.

2.       एंटी करप्शन ब्रांच

एंटी करप्शन ब्रांट (ACB) के अधिकारियों का मुद्दे पर केजरीवाल सरकार लगातार आवाज उठाती रही है. लेकिन इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने ACB का अधिकार केंद्र सरकार को सौंपा है.

3.       कमीशन ऑफ इन्क्वायरी

किसी भी मामले में जांच बिठाने का अधिकार यानी कमीशन ऑफ इन्क्वायरी का अधिकार भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया है. यानी इस मसले में भी दिल्ली सरकार को बड़ा झटका लगा है.

4.       बिजली सुधार का मुद्दा

राजधानी में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का मुद्दा काफी अहम रहता है, सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े सभी अधिकार दिल्ली सरकार को दिए हैं. यानी इस बोर्ड का डायरेक्टर कौन होगा, किस अधिकारी की इस बोर्ड में पोस्टिंग होगी, ये सभी फैसले दिल्ली सरकार ले सकेगी.

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Supreme Court refers the issue to a larger bench to decide whether the Delhi government or Lieutenant Governor should have jurisdiction over ‘Services’ in Delhi.

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Lawyer Ashwini Upadhyay on Delhi govt vs LG matter: Supreme Court took decision on 6 issues. SC ruled in favour of centre in 4 of them. Anti-Corruption Bureau, posting & transfer of Grade 1 & Grade 2 officers, Commission of Inquiry, falls under Centre’s jurisdiction. pic.twitter.com/DZOHAJGwA7

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5.       सर्किल रेट किसका?

सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में जमीन का अधिकार भले ही केंद्र सरकार को दिया हो, लेकिन राजधानी में सर्किल रेट तय करने अधिकार दिल्ली सरकार के पास ही रहेगा. यानी जमीन का सर्किल रेट केजरीवाल सरकार तय करेगी. इसके अलावा किसानों को मिलने वाला मुआवजा व अन्य मसलों का अधिकार भी दिल्ली सरकार के पास रहेगा.

6.       सरकारी वकील की नियुक्ति

किसी भी मामले में अगर दिल्ली की ओर से सरकारी वकील की नियुक्ति करनी होगी, तो उसका अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा. यानी राज्य की ओर से किसी भी कोर्ट में अगुवाई कौन करेगा, इस पर फैसला दिल्ली सरकार लेगी.

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