MFN का दर्जा खोने से बौखलाया पाकिस्‍तान, व्‍यापार में भारत को दी रियायतें कर सकता है रद्द!

नई दिल्‍ली। जम्‍मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफ़िले पर हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्‍तान से मोस्‍ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है, जिससे भारत के साथ व्‍यापारिक लिहाज से पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को काफी नुकसान पहुंचना तय है. पाकिस्‍तान भारत के इस रणनीतिक कदम के बाद बौखलाया हुआ नजर आ रहा है. खबर है कि पाकिस्‍तान भी भारत के खिलाफ एकतरफा कदम उठा सकता है या दक्षिण एशिया तरजीही व्यापार समझौते (SAPTA) के तहत भारत को दी गई रियायतें रद्द कर सकता है और जेनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन में इस मुद्दे को उठा सकता है.

दरअसल, एमएफएन एक आर्थिक दर्जा है, जिसमें दो देशों के बीच होने वाले ‘मुक्त व्यापार समझौते’ के तहत दिए जाने का प्रावधान है. जो भी देश किन्हीं देशों को यह दर्जा देता है, उस देश को उन सभी के साथ व्यापार की शर्तें एक जैसी रखनी होती हैं. जिन राष्‍ट्रों को एमएफएन का दर्जा दिया जाता है, उन्हें व्यापार में अन्‍य देशों की तुलना में कम शुल्क, ज्यादा व्यापारिक सहूलियतें और उच्चतम आयात कोटा की सुविधा दी जाती हैं.

पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आर्थिक सलाहकार रज्‍जाक दाऊद ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्‍तान भारत की तरफ से उठाए गए इस कदम के खिलाफ सभी विकल्‍पों पर विचार कर रहा है. उन्‍होंने शुक्रवार को पाकिस्‍तानी मीडिया को बताया, ‘पाकिस्तान ने मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने के भारत सरकार के फैसले के बाद सभी उपलब्ध सभी विकल्पों पर विचार किया है.

वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने पाकिस्‍तानी अखबार डॉन को बताया कि पाकिस्तान भारत से आयात होने वाली और अधिक वस्‍तुओं को नकारात्मक सूची में शामिल कर सकता है. इसका मतलब है कि पाकिस्‍तान की तरफ से भी भारत के खिलाफ व्‍यापारिक लिहाज से कदम उठाया जा सकता है.

दरअसल, मार्च 2012 में इस्लामाबाद ने 1,209 वस्तुओं को नकारात्मक सूची में रखा था और भारत के साथ व्यापार के लिए बाकी उत्पादों के रास्‍ते खोल दिए थे. इस निर्णय से पहले पाकिस्तान सिर्फ 1,963 वस्तुओं में भारत के साथ व्यापार करता था. एक पाकिस्‍तानी अधिकारी ने कहा कि “हम भारत के साथ व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए नकारात्मक सूची में वस्तुओं की संख्या बढ़ा सकते हैं.”

द्विपक्षीय आधार पर अधिकारी ने कहा, भारतीय मूल के उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है या वाघा सीमा पर व्यापार को प्रतिबंधित किया जा सकता है.

अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान भी SAPTA व्यवस्था के तहत भारत को दी जाने वाली सभी रियायतों को वापस लेने पर विचार कर सकता है. अधिकारी ने कहा, बहुपक्षीय स्तर पर, पाकिस्तान डब्ल्यूटीओ में इस मुद्दे को उठा सकता है. हालांकि उन्‍होंने कहा कि अभी किसी फैसले को अंतिम रूप नहीं दिया गया है.

साल 2004-05 में भारत को पाकिस्तान का निर्यात 288.134 मिलियन डॉलर था और भारत के साथ व्यापार व्यवस्था के उदारीकरण के मद्देनजर 2016-17 में 350 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *