यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का होटल बनने से पहले ही विवादों में घिर गया है। हजरतगंज में विक्रमादित्य मार्ग पर प्रस्तावित इस होटल को लेकर कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर शनिवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की।
कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए फिलहाल होटल के निर्माण पर रोक लगा दी है और याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि वीवीआईपी हाईसिक्योरिटी जोन में होटल निर्माण की इजाजत किस अधिकारी ने दे दी? इस मामले की अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी।
मालूम हो कि याचिकाकर्ता अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में अखिलेश यादव, उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव, पिता मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट समेत कुल 13 लोगों को पार्टी बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उन पर पीआईएल वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव ओर डिंपल यादव ने होटल के नक्शे को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण में आवेदन किया है।