सारण। बचपन से एक ही ललक थी कि पुलिस की वर्दी पहनकर समाज सेवा करें, आज बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) में 20वां रैंक लाकर सारण के सुनील पाण्डेय डीएसपी बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘जनता के साथ मिलकर पुलिस की वर्दी का डर मिटाने के लिए ही पुलिस विभाग को चुना हूं और आगे भी वर्दी वालों के खिलाफ नफरत वाले दिल में जगह बनाने का काम करूंगा.’
सुनील सारण जिला के दियरा इलाके स्थित पानापुर प्रखंड के कोंध भगवानपुर गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता सुरेंद्र प्रसाद पाण्डेय रिटायर्ड शिक्षक हैं और मां शारदा देवी हाउस वाइफ.
सुनील पाण्डेय को बीपीएससी में 22वां रैंक मिला है. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों के बीच शिक्षा की कमी रहती है, शायद इसी वजह से वहां लोग पुलिस की वर्दी से नफरत करते हैं.
सुनील की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से हुई. 1996 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद छपरा स्थित राजेंद्र कॉलेज से 1998 में उन्होंने इंटर की परीक्षा पास की. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इविंग क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक करने के बाद 2008 में इग्नू से पीजी की डिग्री ली.
सुनील अपनी सफलता का श्रेय ईश्वर, घर परिवार और गुरुजनों के साथ-साथ दोस्तों को दी है. उन्होंने बताया कि यह उनका तीसरा प्रयास था. तैयारी के बीच उन्होंने जेपीयू से पीएचडी किया और नेट की परीक्षा में भी सफलता हासिल की.