केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि जून 2018 के बाद से जम्मू-कश्मीर में 919 ‘अपात्र लोगों’ की सुरक्षा वापस ली गई है. सुरक्षा वापस लिए जाने वाले इन लोगों में जम्मू-कश्मीर के 22 अलगाववादी नेता भी शामिल हैं.
खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार को राज्य में सुरक्षा पाने वाले लोगों की समीक्षा करने के लिए कहा था. इसके बाद से राज्य प्रशासन ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों की सुरक्षा वापस लेना शुरू कर दी थी. जानकारी के मुताबिक ‘अपात्र लोगों’ की सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद राज्य को पुलिस के 2,768 जवान और 389 वाहन प्राप्त हुए हैं. इन्हें अब अब राज्य की सुरक्षा-व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए तैनात किया जाएगा.
बीती 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद से केंद्र सरकार ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों और राज्य के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. इस क्रम में सरकार ने 22 मार्च को अलगाववादी नेता यासीन मलिक के अगुवाई वाले संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा आयकर विभाग ने राज्य के एक अन्य अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की दिल्ली स्थित एक संपत्ति जब्त कर ली थी. इधर, इसी गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अलगाववादी नेताओं को अपने ‘रास्ते’ बदलने की नसीहत देते हुए राज्य के विकास में सहयोग करने की अपील की थी.