नई दिल्ली। सत्तर साल के इतिहास में पहली बार होगा जब लोकसभा चुनावों में महिलाएं पुरुषों वोटर टर्नआउट के मामले में पीछे छोड़ देंगी. पहले और दूसरे चरण के मतदान से यह शुरुआत हो चुकी है.
बतौर उम्मीदवार भले ही महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है लेकिन वोटिंग टर्नआउट में महिलाए पुरुषों से आगे निकल चुकी हैं. चुनाव आयोग ने दो चरणों के मतदान के ट्रेंड का आधिकारिक आंकड़ा जारी कर दिया है. पहले चरण में महिलाओं का टर्नआट आधा फीसदी ज्यादा है जबकि दूसरे चरण में यह बढ़त 0.14 फीसदी की है.
वोटिंग टर्नआउट में यह मामूली बढ़त राजनीतिक पहलकदमी के साथ लोकतंत्र में एक बड़े बदलाव का संकेत है. चुनाव आयोग के आंकड़ों की पड़ताल के बाद इंडिया टुडे की डाटा इंटेलिजेंस यूनिट ने पाया कि पहले चरण में यानी 11 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव में उत्तरराखंड की महिलाओं का टर्नआउट पुरुषों से पांच फीसदी ज्यादा रहा जबकि दूसरे नंबर पर मेघालय रहा. मेघालय में महिलाओं का टर्नआउट पुरषों से 4.67 फीसदी ज्यादा रहा.
पहले चरण में महिलाओं का वोटिंग टर्नआउट 68.53 फीसदी दर्ज किया गया जबकि इसी चरण में पुरुषों का वोटर टर्नआउट 68.02 फीसदी रहा. दूसरे चरण में भी तकरीबन यही स्थिति दर्ज की गई. दूसरे चरण 18 अप्रैल को 12 राज्यों में हुए चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि इन राज्यों में महिलाओं का टर्नआउट 69.21फीसदी रिकॉर्ड किया गया, जबकि पुरुषों का वोटर टर्नआउट 69.07 फीसदी दर्ज किया गया.
बिहार में महिलाओं ने वोटिंग के मामले में पुरुषों से ज्यादा रुचि दिखाई. पहले चरण में बिहार के चार जिलों में हुए चुनाव में महिलाओं का टर्नआउट पुरुषों से एक फीसदी ज्यादा रहा.
पहले चरण के अठारह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में से करीब आधे में महिलाओं का टर्नआउट पुरुषों से ज्यादा रहा. हालांकि महाराष्ट्र, जम्मु कश्मीर, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पुरुष वोटिंग टर्नआउट के मामले में अभी भी आगे रहे.
दूसरे चरण के लिए 12 राज्यों में हुए मतदान में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोटिंग की. इस चरण में बिहार की महिलाओं सबसे आगे रहीं. बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग में महिलाएं पुरुषों से करीब छह फीसदी ज्यादा वोटिंग की हैं. महिलाओं के ज्यादा वोटिंग टर्नाआट के मामले में मणिपुर दूसरे नंबर पर है जहां महिलाओं का वोटिंग टर्नआउट पुरुषों से चार फीसदी से ज्यादा है. उड़ीसा में यह अंतरारल दो फीसदी से ज्यादा है.
पहले चरण की तरह दूसरे चरण के चुनाव में महाराष्ट्र,छत्तीसगढ़ और जम्मु कश्मीर जैसे राज्यों महिलाओं वोटिंग टर्नआउट पुरुषों से पीछे रहा.
क्या होता है वोटिंग टर्नआउट: वोटर लिस्ट में जितने लोगों का नाम दर्ज है उसमें से कितने लोगों ने वोट किया. इस अनुपात को वोटिंग टर्नआउट कहते हैं. वोटिंग टर्नआउट में महिलाओं के आगे निकलने के मतलब है जितनी महिलाएं और पुरुष वोटिंग लिस्ट में थे, दोनों में से किसने अपनी संख्या के हिसाब से ज्यादा वोट किया.
फिलहाल 543 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में अभी पांच चरण के मतदान बाकी हैं. पिछले लोकसभा के ट्रेंड को देखें तो महिलाओं और पुरुषों का वोटिंग टर्नआउट के बीच का अंतर धीरे-धीरे कम हुआ है लेकिन शुरुआती रूझानों से लगता है कि 2019 के लोक सभा चुनाव में महिलाएं वोटिंग टर्नआउट के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ देंगी.