EVM पर प्रशांत भूषण ने उठाए सवाल, कहा- हैकिंग नहीं स्वैपिंग का है डर

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही तमाम विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम हैकिंग के मुद्दे को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में आज 22 विपक्षी दलों के साथ चंद्रबाबू नायडू चुनाव आयोग से मिलेंगे. वहीं ईवीएम को लेकर देश के जाने माने वकील और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता प्रशांत भूषण ने भी अपनी चिंता जाहिर की है. प्रशांत भूषण ने कहा कि डर ईवीएम की हैकिंग को लेकर नहीं बल्कि उसके बदले जाने (स्वैपिंग) को लेकर है.

उन्होंने ट्वीट कर ईवीएम बदले जाने को लेकर कहा, ‘तथाकथित रिजर्व ईवीएम को लेकर जो असामान्य तरीके अपनाए जा रहे हैं वो पक्षपातपूर्ण है और उसकी सुरक्षा को लेकर समझौता किया जा रहा है. जिस ईवीएम का चुनाव के लिए इस्तेमाल हो रहा है उसके बदले जाने का डर है’.

Prashant Bhushan

@pbhushan1

The fear is not but EVM swapping. The unusual manner in which so called ‘Reserve EVMs’ are being allowed to transported around by a totally partisan & compromised EC without any security& regular EVMs are brought for storage days after voting, raises fears of swapping

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तो ईवीएम से छेड़छाड़ के लिए मोदी सरकार के दूसरे बालाकोट की तैयारी तक का अंदेशा जता दिया. मंगलवार सुबह उन्होंने ट्वीट किया कि ‘ईवीएम स्विच करने की खबरें लगातार आ रही हैं, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह एग्जिट पोल के बाद इस तरह की लहर बनाने की कोशिश हो रही है, ये एक तरह से दूसरे बालाकोट की तैयारी है’.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर कई दलों ने सवाल उठाए थे. गाजीपुर से महागठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने ईवीएम बदलने का आरोप लगाया था और इसको लेकर धरने पर बैठ गए थे.  इस पर चुनाव आयोग ने सफाई जारी कर आरोप को आधारहीन बताया था और कहा था कि सभी ईवीएम कड़ी सुरक्षा में हैं.

ईवीएम से छेड़छाड़ के सभी मसलों को लेकर चुनाव आयोग ने कहा है कि हर काउंटिंग सेंटर पर ईवीएम और  VVPAT को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने वीडियोग्राफी कराकर सुरक्षित रखा गया है और वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं. इतना ही नहीं ईवीएम की सुरक्षा में सुरक्षाकर्मी तैनात है और उम्मीदवारों को भी स्ट्रांग रूम में जाने की इजाजत दी गई है. ऐसे में राजनीतिक दलों के लगाए गए आरोप गलत हैं. विपक्षी पार्टियां लगातार मांग करती रहीं हैं कि वोटों की गिनती में  VVPAT की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान होना चाहिए.

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