मोदी सरकार के शपथ से पहले आई चुनौती, FDI में 6 साल में पहली बार गिरावट

नई दिल्ली। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में पिछले 6 सालों में पहली बार 2018-19 में गिरावट दर्ज की गई है. दूरसंचार, फॉर्मा और अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश में गिरावट से एफडीआई एक प्रतिशत गिरकर 44.37 अरब डॉलर रह गया. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के ताजे आंकड़ों से यह जानकारी मिली.

साल 2012-13 में दर्ज की गई थी गिरावट

आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के जरिए 44.85 अरब डॉलर आए थे. इससे पहले 2012-13 में विदेशी निवेश में गिरावट दर्ज की गई थी. इस दौरान विदेशी निवेश 36 फीसदी गिरकर 22.42 अरब डॉलर रह गया था जबकि इससे पिछले साल 2011-12 में यह आंकड़ा 35.12 अरब डॉलर पर था.वित्त वर्ष 2012-13 के बाद से एफडीआई में लगातार वृद्धि जारी है और 2017-18 में यह रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में दूरसंचार, निर्माण विकास, फॉर्मास्यूटिकल्स और बिजली क्षेत्रों में FDI निवेश में पिछले साल के मुकाबले काफी गिरावट आई है.

दूरसंचार क्षेत्र में झटका

दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2018-19 में 2.67 अरब डॉलर रहा, जो कि 2017-18 में 6.21 अरब डॉलर रहा था. निर्माण विकास में FDI 54 करोड़ डॉलर से घटकर 21.3 करोड़ डॉलर, फॉर्मा में एक अरब डॉलर से गिरकर 26.6 करोड़ डॉलर और बिजली क्षेत्र में 1.62 अरब डॉलर से घटकर 1.1 अरब डॉलर रह गया.जिन प्रमुख क्षेत्रों में एफडीआई निवेश में वृद्धि दर्ज की गई है, उनमें सेवा क्षेत्र (9.15 अरब डॉलर), कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (6.41 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (4.46 अरब डॉलर) और वाहन क्षेत्र (2.62 अरब डॉलर) शामिल हैं.

वहीं, 2018-19 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले देशों में सिंगापुर ने मॉरीशस को पीछे छोड़ दिया. एफडीआई में सिंगापुर की हिस्सेदारी 16.22 अरब डॉलर रही जबकि मॉरीशस से आठ अरब डॉलर आए. अन्य प्रमुख देशों में जापान, नीदरलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस शामिल हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *