बीजेपी MLA आकाश विजयवर्गीय की गुंडागर्दी, निगम अधिकारी को बैट से पीटा

इंदौर। बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और मध्य प्रदेश से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के अधिकारी को बैट से मारने का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में विधायक जी अपने समर्थकों के बीच से निकलते हुए निगम अधिकारी पर हमला करते दिख रहे हैं. पीछे से विधायक जी के समर्थक अधिकारियों को वहां से भाग जाने को कह रहे हैं. दरअसल मामला इंदौर के गंजी कम्पाउंड का है जहां एक जर्जर मकान तोड़ने निगम के अधिकारियों पर बीजेपी विधायक का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने निगम अधिकारी पर बैट से ताबड़तोड़ हमला कर दिया.

विधायक जी का गुस्सा इतने में ही शांत नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने निगम अधिकारी की कॉलर पकड़ी और उनके गाल पर दनादन थप्पड़ जड़ दिए. गौर करने वाली बात यह रही कि वीडियो में पुलिस भी खड़ी दिख रही है लेकिन विधायक जी लगातार निगम अधिकारी को पीटते रहे. पुलिस ने मुश्किल से जब इस अधिकारी को छुड़ाया विधायक के समर्थकों ने फिर निगम अधिकारी को पकड़ लिया और कपड़े फाड़ने लगे.

बताया जा रहा है कि यहां काफी दिनों से विधायक आकाश विजयवर्गीय कार्रवाई रोकने के लिए दबाव बना रहे थे. लेकिन जब निगम ने बिना किसी दबाव में आए अपना काम करना शुरू किया तो विधायक और उनके समर्थकों ने भी निगम कर्मचारियों को पीटा और निगम की गाड़ियां भी तोड़ डाली. अब 3 थानों की फोर्स और सीएसपी मौके पर पहुंच गए हैं.एडिशनल एसपी कहना है गंजी कंपाउंड नगर निगम की कार्रवाई के दौरान मां विवाद हुआ था हम दोनों पक्षों की तरफ से कार्रवाई करने जा रहे हैं.

पहले आवेदन, निवेदन और फिर धना धनः आकाश विजयवर्गीय
पूरे विवाद में आकाश विजयवर्गीय का कहना है कांग्रेसी नेता मकानों की तुलना कर उन पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं जिसका मैंने विरोध किया है. सज्जन सिंह वर्मा का नाम लेते हुए आकाश विजयवर्गीय ने कहा उन्होंने कब्जे के लिए गुंडे भी पहुंचाए थे. कार्रवाई के दौरान नगर निगम अधिकारियों ने महिलाओं को घर से बाहर निकालने के लिए पैर पकड़कर निकालते हुए देखा तो मुझसे रहा नहीं गया. जिसके बाद ही पूरा घटनाक्रम हुआ है. जब आकाश विजयवर्गीय से पूछा गया क्या विधायक जी का बल्ला लगातार इसी तरह चलता रहेगा तो उन्होंने कहा पहले आवेदन निवेदन और फिर धना धन.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *