उत्तर प्रदेश के इस शहर में जल्द खुलेगा RSS का पहला आर्मी स्कूल, ऐसे मिलेगा एडमिशन

लखनऊ।  अगले साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपना पहला आर्मी स्कूल शुरू करेगा, जिसमें सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी. आरएसएस की शिक्षा शाखा विद्या भारती द्वारा ये आर्मी स्कूल चलाया जाएगा. स्कूल का नाम आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्‍जू भैया के नाम पर रखा जाएगा. स्कूल का नाम रज्‍जू भैया सैनिक विद्या मंदिर होगा.

उन्होंने आगे कहा, सत्र 2020-21 से स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. चूंकि, यह सैनिक स्कूल है तो इसमें छात्रों को सैनिक ट्रेनिंग की विशेष व्यवस्था होगी. इसके लिए सेना की सेवा कर चुके रिटायर्ड बहादुर सैन्यकर्मी उपलब्ध रहेंगे. स्कूल में छात्रावास की भी सुविधा रहेगी. विद्या भारती उच्‍च शिक्षा संस्‍थान के पश्चिमी यूपी और उत्‍तराखंड के संयोजक अजय गोयल का कहना है कि आर्मी स्कूल बनाने का ये हमारा पहला प्रयोग है. विद्या भारती देशभर में 20,000 से अधिक स्कूलों का संचालन कर रहा है.

पहले बैच का प्रॉस्‍पेक्‍टस लगभग तैयार है. इसके बाद आवेदन मांगने की प्रक्रिया शुरू होगी. पहले बैच में कक्षा छठी के लिए 160 छात्रों का दाखिला किया जाएगा. शहीदों के बच्चों को आरक्षण योजना के तहत 56 सीटें मिलेंगी. सितंबर में रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स स्कूल के सुझाव के लिए बैठक करने वाले हैं. अजय गोयल ने कहा, देशभर में सेना के कई अधिकारी आरएसएस या संबद्ध संगठनों के संपर्क में हैं. एक सप्ताह के भीतर बैठक की तारीख को तय जाएगा.

इसलिए तैयार किया जा रहा है आर्मी स्कूल

आरएसएस शुरू से ही स्कूलों में सैन्य शिक्षा की वकालत कर रहा है. साल 1937 में नासिक के भोंसला मिलिट्री स्‍कूल की स्थापना बीएस मुंजे ने की थी. मुंजे आरएसएस के संस्‍थापक केशव बलराम हेडगेवार के गुरु थे. इस स्कूल के कार्यक्रमों में आरएसएस के नेता हिस्सा लेते हैं, लेकिन संगठन इसे चलाने में सीधे तौर पर शामिल नहीं होता है. इस स्‍कूल का संचालन सेंट्रल हिंदू मिलिट्री एजुकेशन सोसायटी की ओर से किया जाता है.

इस स्‍कूल के ब्रोशर में लिखा है कि देश में सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों सेनाओं में अधिकारियों की कमी है. इसकी वजह यह है कि अधिकांश युवा सैन्‍य अधिकारी बनने के मानदंड को पास नहीं कर पाते हैं. वहीं, हर राज्य में एक आर्मी स्कूल है जो भारतीय बलों में अधिकारियों की मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है.

पूर्व आर्मी मैन और किसान राजपाल सिंह ने इस स्कूल के निर्माण के लिए जमीन दान की थी. जिसका क्षेत्रफल 20,000 स्‍क्‍वेयर मीटर है. स्कूल के निर्माण का काम पिछले साल 24 अगस्त से शुरू हो गया था. अब ये भूमि राजपाल सिंह जनकल्‍याण सेवा समिति ट्रस्‍ट की संपत्ति है. ये आर्मी स्कूल 3 मंजिला इमारत का होगा. वहीं, तीन मंजिल हॉस्टल के लिए बनाई जाएंगी. एक डिस्‍पेंसरी, स्‍टाफ के लिए आवास और एक विशाल स्‍टेडियम होगा. बताया जा रहा है स्कूल के पूरे निर्माण की अनुमानित लागत 40 करोड़ आ सकती है.

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