उन्नाव रेप पीड़िता के सड़क एक्सीडेंट मामले में 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड, हादसे के वक्‍त ड्यूटी से थे गायब

लखनऊ। उन्नाव रेप केस की पीड़िता के सड़क एक्सीडेंट मामले में यूपी पुलिस ने 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. ये तीनों पुलिसकर्मी पीड़िता की सुरक्षा में लगे थे. इनमें 2 महिला और 1 पुरूष सुरक्षाकर्मी शामिल हैं.. एक्सीडेंट के दिन तीनों पीड़िता की सुरक्षा में मौजूद नहीं थे.

उल्‍लेखनीय है कि दुष्कर्म पीड़िता (जिसने 2017 में कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था) अपने वकील और दो रिश्तेदारों के साथ रायबरेली जा रही थी. इस दौरान गलत दिशा से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसकी कार को टक्कर मार दी थी. इसमें पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई, जिसमें से एक मृत महिला इस मामले की गवाह थी.

दरअसल, उन्‍नाव रेप केस की गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने उन्‍नाव रेप केस और ट्रक-कार एक्‍सीडेंट मामले की जांच प्रगति रिपोर्ट सीबीआई से तलब की है. सीजेआई ने इस दौरान कहा कि उन्‍नाव रेप केस के सभी मामलों को जल्‍द ट्रांसफर किया जाएगा.

सीबीआई ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें उत्तर प्रदेश के एक अन्य मंत्री का रिश्तेदार भी शामिल है. यह कार्रवाई उस लड़की के सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद हुई, जिसने विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की.

इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश शामिल हैं. एफआईआर में आरोपी विनोद मिश्रा, हरि पाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह और अधिवक्ता अवधेश सिंह के नाम शामिल हैं. ये सभी उन्नाव के रहने वाले हैं. लखनऊ में सीबीआई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम सिंह को जांच करने के लिए कहा गया है.

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