नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर सरकार में दिलबाग सिंह फिलहाल कार्यवाहक डीजीपी बने रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) योग्य अधिकारियों की लिस्ट भेजे और उनमें से सरकार नया डीजीपी चुने. एसपी वैद को हटाने के बाद नई नियुक्ति नहीं हुई है. जम्मू-कश्मीर सरकार ने जल्द नियुक्ति ज़रूरी बताते हुए यूपीएससी से लिस्ट लेने के नियम में छूट मांगी थी.
दरअसल, साल 2006 में पुलिस सुधार पर दिए गए आदेश को लागू न करने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को आदेश दिया था कि वे कहीं भी एक्टिंग डीजीपी नियुक्त नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा था कि ये कदम उठाना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले पर एक नजर
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकारें डीजीपी या पुलिस कमिश्नर पद पर आसीन अधिकारी के रिटायरमेंट से तीन महीने पहले दावेदार पुलिस अधिकारियों के नाम यूपीएससी के पास भेजें. इन नामों में से तीन सबसे उपयुक्त अधिकारियों की लिस्ट यूपीएससीबनाएगी. इन नामों में से किसी भी एक को डीजीपी चुनने के लिए राज्य सरकार स्वतंत्र रहेगी. कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति के लिए अगर राज्य सरकार का अलग से कोई कानून है तो उस पर रोक होगी.
दो साल का रहेगा डीजीपी कार्यालय
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की याचिका पर 2006 में पुलिस सुधार को लेकर आदेश दिए थे. 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल होगा. अवमानना याचिका में आरोप है कि साल 2006 में पुलिस सुधार पर दिए गए अदालतके आदेश को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक लागू नहीं किया. याचिका में इन राज्यों पर अवमानना की कार्यवाही चलाने की मांग की गई है.