नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दलित नेता और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के राहत की खबर दी है. दलित नेता और भीम सेना के संस्थापक चंद्रशेखर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई करते हुए मामला का निपटारा करते हुए सुनवाई को बंद कर दिया है. यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि चंद्रशेखर से रासुका को हटा लिया गया है. दरअसल, चंद्रशेखर ने राष्ट्रीय सुक्षा कानून (रासुका) के तहत अपनी नजरबंदी को चुनौती दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था.
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कोलिन गोन्साल्विज के इस कथन पर विचार किया था कि भीम सेना का नेता बगैर किसी राहत के जेल में बंद है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इससे पहले चंद्रशेखर को सहारनपुर दंगों में उनकी कथित भूमिका के कारण जून 2017 में गिरफ्तार किया गया था. चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के करीब छह महीने के बाद उनके खिलाफ रासुका के प्रावधान भी लगा दिए गए थे. याचिका में दावा किया गया है कि चंद्रशेखर के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है.
आपको बता दें कि दंगा करने के आरोपी चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल ने आठ जून 2017 को हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार किया था. सहारनपुर में पिछले साल दो मई को महाराणा प्रताप जयंती के दौरान तेज संगीत बजाने को लेकर हुए विवाद के दौरान दलितों की राजपूतों के साथ झड़प हो गई थी. इसके बाद हुई अंतर-जातीय झड़पों में एक व्यक्ति मारा गया था, जबकि करीब 25 घरों में आग लगा दी गई थी. हाल ही में दलित नेता और भीम सेना के संस्थापक चंद्रशेखर को यूपी पुलिस ने रिहा किया है.