नई दिल्ली। नक्सलियों को पकड़ने और उनके मनसूबों को कमजोर करने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. नक्सलियों के आर्थिक ठिकानों और आर्थिक व्यवहार पर रोक लगाने के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ‘क्लोज ग्रीन कॉरिडोर’ नाम से ऑपरेशन शुरू किया है. इसके तहत नक्सल बहुल इलाकों में कई जगहों को चिह्नित किया गया है. बताया जा रहा है कि इनहीं जगहों से नक्सली गांजा, ड्रग और चंदन की लकड़ियों की स्मगलिंग करते हैं. डीआरआई के अधिकारियों ने इनपर खास निगरानी भी शुरू कर दी है. आपको बता दें कि पिछले दिनों डीआरआई ने गांजे और चंदन की लकड़ियों का बड़ा खेप जब्त किया था.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डीआरआई ने महाराषट्र के औरंगाबाद, जलगांव, अकोला, अमरावती, नागपुर वर्धा, हिंजगढ़, चंद्रपुरी, ब्रह्मपुरी, देसाईगंज, गढ़चिरौली, गोंदिया और बालाघाट जैसे इलाकों मेंगहन छानबीन करने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं. डीआरआई को शक है कि नक्सली समुद्री रास्तों से भी अवैध हथियार मंगा सकते हैं. ऐसे में पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कई पोर्ट्स के साथ-साथ गुजरात के हाजिरा पोर्ट और न्हवा सेवा पोर्ट पर भी निगरानी चुस्त कर दी गई है.
उधर, छत्तीसगढ़ में बीते सोमवार को सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक जवान निर्मल घोष शहीद हो गए थे. बताया जा रहा है कि एक करोड़ का इनामी नक्सली आकाश भी इस मुठभेड़ का हिस्सा है. आकाश को पकड़ने के लिए पुलिस और जवानों ने पूरी तैयारी कर ली है.
एक करोड़ के इनामी नक्सली आकाश को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है. इस सर्च ऑपरेशन में 600 से अधिक जवान शामिल हैं. यह ऑपरेशन झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में चलाया जा रहा है.
सीआरपीएफ के जवानों की टीम खोजी कुत्ता लेकर जंगल, पहाड़ और बीहडों में नक्सली दस्ते की तलाश कर रही है. जवानों की कोशिश है कि इनामी नक्सलियों के साथ बाकी नक्सलियों को भी पुलिस पकड़ने में कामयाब हो. यह अब तक का सबसे बडा सर्च अभियान और उम्मीद की जा रही है पुलिस को बड़ी सफलता मिलेगी.