अरुण जेटली के 10 साहसिक फैसले, जिन्होंने उन्हें बनाया आर्थिक क्रांति का ‘कौटिल्य’

नई दिल्ली। अरुण जेटली दुनिया को अलविदा कह अंतिम यात्रा पर निकल चुके हैं. बीजेपी और राजनीतिक गलियारे में यह यह बहुत बड़ा नुकसान है. पीएम मोदी के भरोसेमंद जेटली की दोस्ती कमाल की थी. ये दोनों एक दूसरे को जय प्रकाश आंदोलन के वक्त से जानते हैं और दोनों अच्छे दोस्त बन गए. वे पीएम मोदी के सबसे बड़े कानूनी सलाहकार रहे हैं. इसलिए, 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार सत्ता में आए तो उन्होंने आर्थिक व्यवस्था में जान फूंकने की जिम्मेदारी दी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. अरुण जेटली ने वित्त मंत्री रहते हुए जो काम किए, शायद यही वजह है कि उन्हें आर्थिक क्रांति का कौटिल्य भी कहा जाता है

1. GST यानी वन नेशन वन टैक्स लागू किया.

2. कालेधन पर नकेल के लिये नोटबंदी जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए.
3. भारत में विदेशी निवेश बढ़ाने में सफलता
4. ब्लैकमनी और बेनामी प्रॉपर्टी पर कानून बनाए.

6. बैंकों में NPA घटाने में सफलता हासिल की, इससे बैंकों की सेहत में सुधार हुआ. बैंकों के मर्जर का काम भी उन्होंने शुरू किया जिससे उनका आकार बढ़ा और वे ज्यादा कर्ज बांटने में सफल हुए. साथ ही रिस्क लेने की क्षमत भी बढ़ी.
7. जनधन योजना से गरीब बैंकिंग सिस्टम से जुड़े. वर्तमान में जनधन अकाउंट में करीब 1 लाख करोड़ रुपये जमा हैं. इसके अलावा सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके अकाउंट में पहुंचने लगा. इससे कमीशनखोरी का धंधा बंद हो गया.

8. सब्सिडी के लिये आधार को बैंक खातों से जोड़ा गया. इसकी वजह से योजना का लाभ उचित लोगों तक पहुंचने लगा.
9. रेल बजट फिर से आम बजट का हिस्सा बना. पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था.
10. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंक सुधरी. इसकी वजह से विदेशी निवेशक यहां निवेश करने लगे क्योंकि व्यापार करने का माहौल सकारात्मक बना.

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