सूरत। सूरत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरू गजेरा ने गुरुवार को अपने नौ समर्थकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि सूरत कांग्रेस में गुटबाजी के कारण ही उन्हें विधानसभा में जीत नहीं मिल पाई. पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 68 वर्षीय गजेरा ने हालांकि तत्काल बीजेपी में शामिल होने से इनकार किया है लेकिन यह संकेत जरूर वह अपनी पुरानी पार्टी में लौट सकते हैं.
गजेरा ने कहा, “मैं पाया कि गुटबाजी के कारण विधानसभा चुनाव में मेरी हार हुई. मैंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए काम किया है और पाया कि इस तरह की अंतर्कलह बीजेपी में नहीं है. मैंने अभी तक किसी राजनीतिक दल को ज्वॉइन करने का निर्णय नहीं लिया है लेकिन अगर कोई व्यक्तिगत रूप से मुझसे संपर्क करेगा तो मैं जरूर ज्वॉइन करूंगा.”
पूर्व विधायक गजेरा ने आगे बताया, “वराछा से मेरी हार के बाद, मैं खुद को घर में कैद कर लिया और कांग्रेस की किसी भी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया. अंतत: मैंने इस्तीफा देने की निर्णय लिया.” गजेरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए कहा कि वह अभी भी अपरिपक्व हैं. “लोग राहुल गांधी से ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी को पसंद करते हैं. मैं पीएम मोदी की बहुत प्रशंसा करता हूं.”
पूर्व विधायक, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और पाटीदार उद्योगपति धीरू गजेरा ने ने कांग्रेस के टिकट पर 2007, 2012 और 2017 में तीन बार विधानसभा चुनाव और 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन एक बार भी जीत नहीं पाए. वह दो बार भाजपा के टिकट पर विधानसभा रहे हैं. पिछले साल नवंबर में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्होंने वराछा रोड सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं पाए. मजेदार बात यह है कि वराछा रोड से कांग्रेस ने पहले प्रफुल्ल तोगड़िया को टिकट दिया था लेकिन ऐन वक्त पर उम्मीदवार बदल दिया और धीरूभाई गजेरा को टिकट दिया.
बीजेपी ने दिखाया था बाहर का रास्ता
गजेरा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनसंघ से की. उन्होंने 1995 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा. 2007 में, उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए.