नई दिल्ली। ‘थूक कर चाटने’ मुहावरे का अर्थ होता है पहले किसी चीज़ को ऐंठ में ठुकरा देने के बाद बाद में खिसिया कर उसके लिए खुद आगे से माँग रखना। और बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ऐसा ही करती दिख रही है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी का बयान आया है कि अब उनकी पार्टी केंद्र सरकार में शामिल होने को तैयार है, अगर उसे मंत्री पदों की पेशकश संख्या बल के आधार पर (प्रपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन में) हो तो।
केसी त्यागी ने उदाहरण के तौर पर बिहार की भाजपा और जदयू की मिली जुली एनडीए सरकार में भारतीय जनता पार्टी सरकार को उप मुख्यमंत्री पद दिए जाने का भी ज़िक्र किया। गौरतलब है कि बिहार में भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी उप मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं।
इसके पहले लोकसभा चुनावों के नतीजे आने पर जब मोदी सरकार 2.0 की एनडीए कैबिनेट बनाने की कवायद शुरू हुई, तो जदयू ने सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया था। नीतीश कुमार के हवाले से केसी त्यागी ने ही बयान दिया था कि महज़ एक कैबिनेट मंत्री पर उनकी पार्टी संतुष्ट नहीं है, इसलिए जदयू राजग का हिस्सा रहते हुए भी केंद्रीय कैबिनेट से बाहर रहेगी।
तब केसी त्यागी ने ही इसे ‘अंतिम निर्णय’ बताया था और भविष्य में भी इससे पलटने की संभावना से इंकार किया था। उन्होंने कहा था, “जो प्रस्ताव दिया गया था वह जेडीयू के लिए अस्वीकार्य था, इसलिए हमने फैसला किया है कि भविष्य में भी जेडीयू एनडीए के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं होगी, यह हमारा अंतिम निर्णय है।”
KC Tyagi,JDU: The proposal that was given was unacceptable to the JDU therefore we have decided that in future also JDU will never be a part of the NDA led Union Cabinet, this is our final decision
इसके बाद इसका ‘बदला’ लेते हुए जदयू ने इस घटना के बाद हुए नीतीश कुमार के कैबिनेट विस्तार में भाजपा को स्थान नहीं दिया था। इसके बाद से बिहार में भाजपा और जदयू के बीच लगातार तनातनी चल रही है। कभी गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार के इफ़्तार पार्टी देने पर निशाना साधा, जिसकी शिकायत जदयू ने अमित शाह तक कर दी, तो कभी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे संजय पासवान ने कहा कि जदयू-भाजपा गठबंधन का मुख्य चेहरा अब भारतीय जनता पार्टी से होना चाहिए।
ऐसे में माना जा रहा है कि जदयू का यह पैंतरा आगामी बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर खेला जा रहा है।