नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद भी करारी शिकस्त झेल चुकी सपा का आत्मविश्वास चौंकाता है। चुनाव नतीजों के बाद पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि दिल्ली में रणनीतिक तौर पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया था। यह वोटों के बिखराव को रोकने के लिए किया गया। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज करते हुए कहा कि वह जिस किसी राज्य में गए वहां भाजपा हारी। उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि आम आदमी पार्टी की जीत में परोक्ष रूप से सपा का भी हाथ है। यह और बात है कि पिछले चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस जरूर नौ-10 फीसद वोट पाने में सफल हुई थी, लेकिन बाकी छोटी पार्टियों को सम्मिलित रूप से एक फीसद वोट मिला था।
AAP ने दिए राष्ट्रीय राजनीति में जाने के संकेत
दिल्ली विधानसभा चुनाव मिली एकतरफा जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय राजनीति में जाने के संकेत दिए हैं। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आप दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि शहर ने प्यार को वोट दिया और नफरत को हराया। पार्टी की राजनीति अब केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगी। राय ने कहा कि दिल्ली में आप के जश्न ने देशभक्ति को नई परिभाषा दी है। इसमें आम आदमी के लिए कार्य करना शामिल है। यहां एक नए प्रकार का राष्ट्रवाद पैदा हुआ है। जो आम आदमी के बारे में बात करने के साथ -साथ उसके जीवन स्तर में सुधार की भी बात करता है।
संजय सिंह ने कहा कि इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहा गया, लेकिन हम बिना किसी विवाद में फंसे अपने चुनावी मुद्दे पर कायम रहे। हमें यकीन था कि दिल्ली की दो करोड़ जनता तय कर देगी कि उनका बेटा कट्टर राष्ट्रभक्त है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भारत-पाकिस्तान मुकाबले का मसला उठा और हिंदुस्तान जीत गया। हमने ये कहा था कि कोई पार्टी पाकिस्तानी नहीं है। हिंदुस्तान में अगर चुनाव हो रहा है और पार्टियां मैदान में हैं तो सभी हिंदुस्तानी हैं। ऐसी मानसिकता वालों को दिल्ली की जनता ने जवाब दे दिया है।